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    अब सेफ डिलीवरी एप से कराया जाएगा सुरक्षित प्रसव, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को मिलेगा ऑनलाइन प्रशिक्षण

    By Prashant KumarEdited By:
    Updated: Fri, 05 Feb 2021 09:53 AM (IST)

    रोहतास जिले के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए एनएचएम द्वारा सेफ डिलेवरी एप का निर्माण किया गया है। इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर महिला चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण नौ फरवरी को दिया जाएगा।

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    सेफ डिलीवरी एप से कराया जाएगा सुरक्षित प्रसव। प्रतीकात्‍मक चित्र।

    जागरण संवाददाता, सासाराम। रोहतास जिले के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए एनएचएम द्वारा सेफ डिलेवरी एप का निर्माण किया गया है। इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर महिला चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण नौ फरवरी को दिया जाएगा। एसीएमओ डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि  राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (मातृ स्वास्थ्य) डॉ.सरिता द्वारा इसके लिए संबंधित कर्मियों व चिकित्सकों की भागीदारी ऑनलाइन प्रशिक्षण में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।

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    एसीएमओ ने बताया कि एनएचएम बिहार व मैटरनिटी फाउंडेशन के द्वारा सेफ डिलीवरी एप की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग में  जिले के सभी 19 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अनुमंडलीय व सदर अस्पताल के उपाधीक्षक,प्रबंधक, सभी स्टाफ नर्स,एएनएम व पीएचसी तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कर्मियों को शामिल किया जाएगा। एप के माध्यम से प्रसव संबंधित जानकारी दे सुरक्षित व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाएगा।

    प्रसव में कोई भी परेशानी होने पर स्टाफ नर्स व एएनएम को एप पर संबंधित परेशानी से जुड़ ऑनलाइन जानकारी मिल जाएगी। ऐसे में त्वरित उपचार मिलने से जच्चा-बच्चा की जान भी बच जाती है। इससे जिले के मातृ एवं शिशु मृत्युदर आंकड़ों में भी कमी आने की उम्मीद है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रसव कराने वाली एएनएम व स्टाफ नर्स के लिए सेफ डिलीवरी एप लांच किया गया है। इस एप में प्रसव के समय होने वाली परेशानियों की सूची, इसके कारण, समस्या व निदान की जानकारी व वीडियो उपलब्ध है, जिससे स्वास्थ्यकर्मी वीडियो देखकर प्रसव के समय ही उसका निदान कर सकें। मोबाइल में एप लोड करने के बाद पहली बार पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) करना पड़ता है। इसके बाद कर्मचारी बिना इंटरनेट सुविधा के भी जानकारियां ले सकते हैं।

    सुरक्षित प्रसव को मिलेगा बढ़ावा

    एप के आने से स्वास्थ्य कर्मियों को प्रसव से जुड़ी नई-नई जानकारियां आसानी ने मिल जाएंगी। प्रसव कक्ष में समय पर इलाज होने से जच्चा-बच्चा की जान बचती है। सुरक्षित प्रसव को भी बढ़ावा मिलेगा।

    सुरक्षित प्रसव कराना मुख्य उद्देश्य

    एसीएमओ ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है। साथ ही साथ मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना एवं प्रसव के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटना एवं प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा का सही देखभाल भी इसका मुख्य उद्देश्य है। इस प्रशिक्षण से प्रसव के दौरान आने वाली समस्याओं की जानकारी मिलेगी, साथ ही साथ उससे कैसे निपटा जाए, उसके भी जानकारी मिलेगी।