अब अपने मवेशियों को भी शेड में रखिए, मनरेगा की योजना से ऐसे करवाइए पशु शेड का निर्माण
पालतु जानवरों को रखने के लिए गांवों में पशु शेड का निर्माण करवाया जा रहा है। इससे पशुओं को राहत मिल रही है। यह मनरेगा की ओर से हो रहा है। दो तरह के शेड का निर्माण इस योजना से कराया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, मानपुर (गया)। मनुष्यों को रहने के लिए आवास बनाए गए तो अब मवेशियों की सुध भी ली जा रही है। उनके लिए पशु शेड (Cattle Shed) बनाए जा रहे हैं। इससे खासकर गरीब पशुपालकों को काफी राहत मिलेगी। इससे मवेशियों को भी ठंड, गर्मी और बरसात में खुले आसमान के नीचे रहने से छुटकारा मिल सकेगा। इसके लिए मनरेगा योजना से मानपुर में 120 पशु शेड का निर्माण किया जा रहा है। इसमें 60 पशुशेड का निर्माण किया जा चुका है। इसमें दुधारू व अन्य तरह के पशु चैन से आराम फरमाते हैं।
ऐसे उठा सकते हैं पशु शेड का लाभ
जिन पशुपालकों के पास पशुओं को रखने के लिए जगह नहीं है वे मनरेगा की इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। इसका लाभ लेने के लिए पहले मनरेगा कार्यालय में जाकर जॉब काड बनवाना होगा। उसके बाद मनरेगा के अधिकारी स्थ्ाल निरीक्षण करेंगे और फिर पशु शेड का निर्माण कराया जाएगा। पशु शेड का निर्माण दो तरह से किया जा रहा है। पहला छह नाद वाला पशु शेड होगा। इसका निर्माण डेढ़ लाख की लागत से किया जाएगा। यह 13 फीट चौडा़ और 25 फीट लंबा होगा। दूसरा पशु शेड तीन नाद वाला होगा। इसका निर्माण 80 हजार की लागत से किया जाएगा।
योजना से हमें मिली है बहुत राहत
दिनेश, राजदेव, प्रदीप आदि पशुपालकों का कहना है कि हमलोगों के सामने पशुओं को रखने की बड़ी समस्या थी। मजबूरी में खुले आसमान के नीचे मवेशियों को रखना पड़ता था। लेकिन शेड का निर्माण होने से हमारे पशुओं को काफी आराम मिल रहा हैं। शेड में दुधारू पशुओं को रहने से दूध में काफी बढो़तरी हो गई है।
पशु शेड बनानेवाले मजदूरों के खाते में भेजे जाएंगे पैसे
मनरेगा के पीओ विजय सिंह का कहना है कि जिन पशुपालकों के पास शेड नहीं है उनके लिए मनरेगा योजना से शेड बनबाए जा रहे हैं। कुल 120 पशु शेड बनाने का लक्ष्य है। अभी तक 60 शेड का निर्माण कराया जा रहा है।शेड बनाने वाले मजदूरों के खाते में राशि दी जाएगी। शेड बनाने में लगने वाले सिमेंट, बालू, छड़ की राशि विक्रेता के खाते में भेजी जाएगी।
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