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    टिकारी में खेल का मैदान न प्रशिक्षण की व्यवस्था, कुंद पर पड़ रहा खेल का जज्बा

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 20 Jun 2022 10:50 PM (IST)

    राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर खेल की दुनिया में अपनी प्रतिभा का टिकारी ग्रामीण क्षेत्र के युवा खिलाड़ी लोहा मनवा रहे है।

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    टिकारी में खेल का मैदान न प्रशिक्षण की व्यवस्था, कुंद पर पड़ रहा खेल का जज्बा

    आलोक रंजन, टिकारी (गया): राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर खेल की दुनिया में अपनी प्रतिभा का टिकारी ग्रामीण क्षेत्र के युवा खिलाड़ी लोहा मनवा रहे है। वह भी तब जब पूरे टिकारी क्षेत्र में न तो एक भी स्टेडियम, खेल मैदान, प्रशिक्षण केन्द्र, खेल एशोसिएशन है। खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने वाली कोई संस्था और सहयोगी भी नही है। स्थानीय स्तर पर दो-चार कोच है जो खिलाड़ियों को अपने दम पर समय-समय पर नि:शुल्क प्रशिक्षण देने का काम कर रहे हैं। एक दो को छोड़ दें तो मेडल हासिल करने वाले लगभग सभी खिलाड़ियों ने स्थानीय कोच के सहयोग और अपने प्रतिभा के बल पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल-कूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर मेडल और ट्रॉफी अपने नाम करते हुए टिकारी का नाम रौशन कर रहे है।

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    प्रतिभावान खिलाड़ी जिन्होंने राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर अपनी सफलता का परचम लहराया है। रौशन- बेल्हड़िया का रहने वाला रौशन कुमार खेलो इंडिया में बिहार टीम की ओर से कबड्डी में भाग लिया था। राष्ट्रीय स्तर पर असम में आयोजित प्रतियोगिता में बेहतर खेल का प्रदर्शन करते हुए अपने बिहार टीम को तीसरा स्थान दिलाने में सफलता हासिल की थी। इसके अलावे राष्ट्रीय व स्टेट स्तर के कई अन्य प्रतियोगिताओं में भाग ले चुका है। फिलहाल ग्वालियर में एलएनआईपीई में बीपीई का कोर्स कर रहा है। अविनाश- शहर के रिकाबगंज के रहने वाला अविनाश कुमार वालीबाल का राष्ट्रीय खिलाड़ी है। राज्य स्तर पर कई खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है। अविनाश बालीबाल खेल का लिबरो प्लेयर के रूप में काफी प्रसिद्ध है। अविनाश का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण में भी हो चुका था। फिलवक्त अविनाश एलएनआईपीई में बीपीई कार्यक्त्रम में अध्ययनरत है। हेमा- मूल रूप से केसपा की रहने वाली हेमा झारखंड राज्य से पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में कई मेडल अपने नाम कर चुकी है। हेमा दो बार स्ट्राग वूमेन आफ झारखंड का भी खिताब अपने नाम कर चुकी है। शशि- जस्ट कबड्डी प्रतियोगिता से चर्चा में आये शशि रंजन ने कबड्डी की दुनिया में अपनी अलग पहचान स्थापित की है। फुर्तीले खेल स्किल के धनी शशि भी अनुमंडल स्तर से लेकर राज्य स्तर की खेल प्रतियोगिता में शामिल होकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके है। पंकज- कबड्डी खेल से अपनी पहचान दर्ज कराने वाले पंकज कुश्ती के भी बेहतरीन खिलाड़ी है। पंकज कबड्डी व कुश्ती दोनो खेल में राज्य स्तर के खिलाड़ी है। पंकज शहर के बहेलिया बिगहा मुहल्ले के रहने वाले है। वहीं पंकज के भाई गुड्डू कुमार एवं बहन गुड़िया कुमारी भी राज्य स्तर की कबड्डी खिलाड़ी है। फिलवक्त दोनों भाई बारहवीं के उपरात प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। ब्यूटी व मुस्कान- छोरिया छोरो से कम है के फिल्मी डायलॉग को चरितार्थ करते हुए क्षेत्र के ग्रामीण इलाके की लड़किया भी खेल में अपनी प्रतिभा निखारते हुए लोहा मनवा रही है। ब्यूटी व मुस्कान कबड्डी की राज्य स्तर की प्रतियोगिता में खेलते हुए कई पदक अपने नाम किया है। वही बेल्हड़िया की रहने वाली पूजा कुमारी भी राज्य स्तर पर कबड्डी खेल चुकी है। अपने जिला को कई पदक दिलवाने में अपना अहम योगदान दिया है। आशुतोष- सलेमपुर के रहने वाले आशुतोष कबड्डी के माहिर खिलाड़ी है। खेल की भावना से ओत प्रोत होकर आशुतोष कई प्रतियोगिता में सफलता का परचम लहरा चुके है। आशुतोष दसवीं पास कर बारहवीं में अध्ययनरत है। दो लड़किया राष्ट्रीय खेल के लिए हो चुकी है चयनित

    टिकारी के रेवई गाव की रिया एवं बेल्हड़िया की रहने वाली जुली दोनों क्रमश: कबड्डी व खो-खो के राष्ट्रीय खेल के लिए चयनित हो चुकी है। रिया राज्य स्तर की कबड्डी खेल चुकी है वहीं जुली राज्य स्तर की खो-खो खेल में कई मेडल अपने नाम कर चुकी है। इसके अलावा क्षेत्र की दीपिका, अंशु, प्रिया, प्रिंस, अविनाश, अभिषेक सहित कई खिलाड़ी कबड्डी व खो खो खेल में अपनी प्रतिभा साबित कर रहे है। खिलाड़ियों के प्रतिभा निखार के लिए नहीं है कोई व्यवस्था

    अलग-अलग खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले खिलाड़ियों के प्रोत्साहन या प्रतिभा निखारने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण स्कूल व कालेज की ओर से खेलने के बाद खेल को अलविदा कह रहे हैं। खिलाड़ियों ने एक स्वर में कहा कि सरकार की कई ऐसी योजनाएं है जिससे हमसबों को लाभ मिल सकता है। परंतु अब तक किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं मिल सकी। नतीजतन खेल छोड़ दूसरे क्षेत्र में भविष्य तलाशना मजबूरी बन जाती है। खिलाड़ियों की प्रतिभा को उड़ान देने में सारथी बने

    खेल जगत में अपनी पहचान बनाने वाले खिलाड़ियों ने अपनी सफलता का श्रेय स्थानीय खेल प्रशिक्षक सुजीत कुमार उर्फ बिट्टू को दिया है। खिलाड़ी कहते है कि सुजीत कुमार की कड़ी मेहनत व कुशल शिक्षण कला की ही देन है कि कबड्डी, खो-खो, कुश्ती व वालीबाल प्रतियोगिता में राज्य स्तर तक प्रतिनिधित्व कर चुके है व सफलता का परचम लहरा चुके है। सुजीत मूल रूप से टिकारी के रिकाबगंज के रहने वाले है व महाराष्ट्र से बीपीएड की उपाधि प्राप्त कर चुके है। फिलवक्त क्रेन स्कूल में बतौर खेल प्रशिक्षक अपनी सेवा दे रहे है। बता दें कि सुजीत स्वयं खो-खो, कबड्डी व फुटबाल के राज्य स्तर खिलाड़ी रह चुके है।

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