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Navratri 2021: उड़हुल के फूलों से सज रहा माता रानी का दरबार, इसका महत्‍व बता रहें गया के पंडित

गया में उड़हुल के फूल ज्यादातर कोलकाता से मंगाए जाते हैं। नवरात्र पूजन में वैसे तो सभी तरह के फूलों से पूजा-अर्चना होती है। मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा को लाल रंग का उड़हुल अतिप्रिय है। मां लक्ष्मी और मां दुर्गा दोनों को उड़हुल का फूल बेहद प्रिय है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:44 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 11:44 AM (IST)
Navratri 2021: उड़हुल के फूलों से सज रहा माता रानी का दरबार, इसका महत्‍व बता रहें गया के पंडित
माता रानी पर चढ़ाने के लिए बनी फूलों की माला। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। नवरात्र में लाल उड़हुल के फूलों से माता रानी का दरबार सज रहा है। श्रद्धालु हर दिन इस फूल से देवी दुर्गा की उपासना कर रहे हैं। बुधवार को महाअष्टमी का व्रत किया गया। इसे लेकर सुबह से ही पूजा पंडालों व देवी मंदिरों में महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी। हाथ में पूजा की थाली में नारियल व बताशा के अलावा यह उड़हुल के फूल भी नजर आई। अनेक भक्तों ने मनोकामना की पूर्ति के लिए मां को उड़हुल के बने फूलों की माला अर्पित की। फूल-माला की दुकानों पर भी इनकी खास मांग है। बाजार में 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की बड़ी माला उपलब्ध है।

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कोलकाता से मंगाए जाते उड़हुल के फूल

गया में उड़हुल के फूल ज्यादातर कोलकाता से मंगाए जाते हैं। नवरात्र पूजन में वैसे तो सभी तरह के फूलों से पूजा-अर्चना होती है। लेकिन, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी दुर्गा को लाल रंग का उड़हुल अतिप्रिय है। मां लक्ष्मी और मां दुर्गा दोनों को उड़हुल का फूल बेहद प्रिय है। साथ ही हनुमान जी को भी उड़हुल का फूल प्रिय है। मंगल को हनुमानजी और देवी दुर्गा को व शुक्रवार को मां लक्ष्मी को उड़हुल का फूल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से भक्तजन सुख समृद्धि और धन संपदा की प्राप्ति करते हैं। इससे ग्रहों की पीड़ा भी दूर होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

गुड़हल भी कहा जाता उड़हुल के फूल को

उड़हुल के फूल को गुड़हल या अड़हुल भी कहा जाता है। पूजा-पाठ के अलावा रोगों के इलाज में भी इसका फायदा है। कहा जाता है कि गंजेपन की समस्‍या, बालों को बढ़ाने में भी उड़हुल का फूल बहुत फायदा करता है। गंभीर बीमारियों में भी इसकी उपयोगिता है। उड़हुल को कहीं भी, बाग-बगीचे, घर और मंदिरों में लगाया जा सकता है। यह कई प्रकार के रंगों में खिलता है, जैसे इकहरा, दोहरा, तिहरा, लाल, सफेद या सफेद लाल, बैंगनी, पीला, नारंगी इत्यादि। इसमें केसरनुमा पंख बाहर निकले होते हैं। बताया जाता है कि सफेद तथा लाल रंग वाला उड़हुल का फूल विशेष गुणकारी होता है।


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