Bodhgaya News: लाखों का राजस्व देने वाला मगध विश्वविद्यालय नगरीय सुविधा से वंचित
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जागरण संवाददाता, बोधगया। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में वीजन 2031 को ध्यान में रखकर आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के तहत सीवेज एवं सीवरेज के साथ-साथ शुद्ध पेयजल आपूर्ति परियोजना की शुरुआत वर्ष 2014 में की गई थी। उक्त कार्य को बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम द्वारा निजी एजेंसी के माध्यम से शुरू कराया गया।
लेकिन सोवेज- सीवरेज व जलापूर्ति हेतु पाइपलाइन बिछाने के लिए बनी योजना से नगर परिषद के सबसे बड़े करदाता को वंचित रखा गया है। यानि मगध विश्वविद्यालय में सीवेज सीवरेज व जलापूर्ति योजना का विस्तार नहीं किया गया। नगर परिषद द्वारा मगध विश्वविद्यालय पर 14 लाख 761 रुपए प्रतिवर्ष कर निर्धारित है।
लेकिन विश्वविद्यालय परिसर में रहने वाले शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों के आवासीय परिसर तक कोई भी नगरीय सुविधा नगर परिषद द्वारा मुहैया नहीं कराया गया है। साफ-सफाई से लेकर गंदे पानी तक के निकास की व्यवस्था विश्वविद्यालय अभियंत्रण शाखा द्वारा कराया जाता है।
नहीं मिल रही कोई सुविधा
कुछ दिन पहले नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषक आनंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी शाही से मिलने पहुंचे और उन्होंने कुलपति को बताया कि नगर परिषद का विश्वविद्यालय पर लगभग साढ़े चार करोड़ का कर बकाया है।
इस पर कुलपति प्रो. शाही ने कार्यपालक पदाधिकारी आनंद से पूछा कि नगर परिषद द्वारा विवि परिसर में क्या सुविधाएं दी जाती है। यहां सीवेज-सीवरेज और जलापूर्ति के पाइपलाइन का विस्तार नहीं किया गया, साफ-सफाई और नाला-नाली का निर्माण नहीं कराया गया। तो ऐसे में कर किस बात का विश्वविद्यालय दे।
पांच वर्ष पूर्व मगध विश्वविद्यालय के भूखंड का आइआइएम के नाम से बंटवारा हुआ। जिसमें विश्वविद्यालय को काफी नुकसान हुआ। पांच छात्रावासों को जमींदोज कर दिया गया। लेकिन नगर परिषद ने कर का पूर्ण निर्धारण नहीं किया। अब जो भूखंड आइआइएम के हिस्से में है। उसका कर विश्वविद्यालय क्यों भुगतान करेगा। हम टैक्स दें और आप हमें कोई सुविधा नहीं देंगे। ऐसा कैसे होगा। विवि संपदा विभाग द्वारा सरकार के पास इस संबंध में पत्र प्रेषित किया गया है। सरकार से मंतव्य मिलने पर ही नगर परिषद के कर भुगतान के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा।
-प्रो. सुनील सुमन, संपदा पदाधिकारी, मविवि
पिछले नौ वर्षों में नगर परिषद क्षेत्र के अधीन आने वाले मगध विश्वविद्यालय परिसर में सीवेज-सीवरेज व जलापूर्ति योजना का विस्तार नहीं कराया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे जानकारी है कि इसके लिए वार्ड पार्षद जमुना देवी कई बार प्रयास की हैं। लेकिन यह मामला जो भी कार्यपालक पदाधिकारी रहे उनकी उदासीनता के कारण लंबित रहा है। इस विषय पर नए सिरे से नगर परिषद द्वारा प्रयास किया जाएगा। ताकि नगर परिषद को राजस्व प्राप्ति में कोई दिक्कत न हो।
-ललिता देवी, मुख्य पार्षद नप, बोधगया

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