मगध मेडिकल में बदबूदार नाली से मरीज बेहाल, संक्रमण का खतरा बढ़ा
गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गंदगी से मरीज परेशान हैं। सर्जरी और मेडिसिन विभाग के रास्ते में नाली का गंदा पानी जमा रहने से बदबू आती है। मरीजों और परिजनों को नाक ढककर गुजरना पड़ता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। परिजनों ने प्रशासन से सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। अस्पताल प्रशासन ने जल्द सफाई कराने का आश्वासन दिया है।

मगध मेडिकल में बदबूदार नाली से मरीज बेहाल
जागरण संवाददाता, गयाजी। अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में गंदगी से मरीजों व उनके स्वजन का हाल बेहाल है। अस्पताल परिसर का वह हिस्सा, जहां से होकर सर्जरी और मेडिसिन विभाग की ओर जाना होता है, सबसे अधिक परेशानी का कारण बना हुआ है।
इस मार्ग के ठीक बगल से गुजरने वाली नाली में गंदा पानी लगातार जमा रहता है। स्थिति यह है कि नाली का पानी कभी सूखता ही नहीं, और उससे उठती बदबू मरीजों, उनके परिजनों और अस्पताल कर्मियों को हर पल परेशान किए रहती है।
अस्पताल के इस अहम हिस्से से रोजाना सैकड़ों मरीज गुजरते हैं। जिनमें गंभीर रोगी, वृद्ध और बच्चे भी शामिल होते हैं। ऐसे में नाली में जमे बदबूदार पानी के पास से गुजरना उनके लिए और भी कठिन हो जाता है।
मरीज व परिजन नाक ढककर गुजरते हैं
बदबू इतनी तेज होती है कि कई मरीज व परिजन नाक ढककर तेजी से गुजरते हैं, जबकि कुछ लोगों को वहीं रुककर सांस सामान्य करने की मजबूरी हो जाती है।
मरीजों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद इलाज जितना जरूरी है, उतनी ही जरूरी स्वच्छ माहौल की होती है। मगर यहां पहुंचते ही गंदगी का ऐसा सामना होता है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ जाती है।
संक्रमण का खतरा बढ़ा
कई लोग बताते हैं कि यह गंदगी न केवल परेशानी देती है, बल्कि संक्रमण का खतरा भी बढ़ाती है। खुले में जमे गंदे पानी से मच्छरों का प्रकोप, कीड़े-मकौड़ों की बढ़ोतरी और कई तरह के संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।
सर्जरी विभाग में रोजाना दर्जनों ऑपरेशन होते हैं। ऐसे में आने-जाने वालों की संख्या काफी अधिक होती है। अस्पताल आने वाले बाहर के मरीज भी पहली नजर में इस अव्यवस्था को देखकर हैरान रह जाते हैं।
परिजनों का कहना है कि यह जिला का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां जिले ही नहीं, आसपास के कई प्रखंडों से भी मरीज इलाज कराने आते हैं। इतना बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां स्वच्छता की व्यवस्था कभी बेहतर नहीं दिखती।
कई मरीजों ने बताया कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कई बार शिकायत की है, पर स्थिति जस की तस बनी रहती है। नालियों की सफाई समय पर नहीं होने के कारण पानी का जमाव लगातार बना रहता है। थोड़ी बारिश हो जाए तो स्थिति और भयानक हो जाती है। नाली का पानी ओवरफ्लो होकर रास्ते तक फैल जाता है, जिससे मरीजों को कीचड़ और बदबू के बीच से गुजरना पड़ता है।
अस्पताल में आने वाले कुछ लोगों ने कहा कि जब चिकित्सा व्यवस्था सुधर रही है, नए उपकरण आ रहे हैं और डाक्टरों की संख्या भी बढ़ रही है, तो सफाई व्यवस्था को भी प्राथमिकता मिलनी चाहिए। अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर स्वच्छता की अनदेखी सीधे मरीजों की सेहत पर असर डालती है।
रीजों की सेहत और सुरक्षा से जुड़ा अनिवार्य मुद्दा
मगध मेडिकल जैसे महत्वपूर्ण अस्पताल में स्वच्छता का होना केवल सुविधा नहीं, बल्कि मरीजों की सेहत और सुरक्षा से जुड़ा अनिवार्य मुद्दा है। यदि इस पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो संक्रमण फैलने की आशंका के साथ मरीजों की परेशानी और बढ़ सकती है। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों को गंदगी नहीं, बल्कि स्वच्छ और सुरक्षित माहौल मिले।
मेडिसिन एवं सर्जरी विभाग की ओर जाने वाले रास्ते के बगल से गुजरी नाली में काफी गंदगी है। जिसकी सफाई एक-दो दिन में हो जाएगा। मगध मेडिकल अस्पताल की गंदे पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसकी जानकारी संबंधित उच्च अधिकारियों को दिया गया है।- डॉ के.के.सिन्हा , अधीक्षक

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