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    Crime: नवादा में फिर तबाही मचा सकती है शराब, देसी-विदेशी के नाम पर खपाई जा रही नकली दारू

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Tue, 20 Apr 2021 11:49 AM (IST)

    नवादा के वारिसलीगंज में शराब के कारण एक बार फिर बड़ी घटना हो सकती है। प्रखंड के दर्जनों गांव मोहल्ले में धड़ल्ले से देसी-विदेशी शराब बेची जा रही है। लोगाें का कहना है कि इसमें पुलिस की मिलीभगत भी है।

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    नवादा के वारिसलीगंज में चल रहा शराब का धंधा। प्रतीकात्‍मक फोटो

    वारिसलीगंज (नवादा), संवाद सूत्र। नवादा में 15 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी। बावजूद क्षेत्र में शराब का कारोबार थम नहीं रहा। स्थिति ऐसी है कि वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव में देसी-विदेशी शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है। पीने वाले नकली-असली का अंतर जाने बिना इसे गटक रहे हैं।गौरतलब है कि पांच वर्ष पूर्व शराबबंदी की घोषणा के बाद थाना क्षेत्र के विभिन्न गांव में जहां शराब बड़े पैमाने पर बनाया और बेचा जाता था वहां कुछ माह तक धंधा बंद रहा। तब शराब का सेवन नहीं करने वाले व कुछ आदतन नशेड़ियों के स्वजनों ने राहत की सांस ली थी। पर सुस्त पुलिसिया कार्रवाई को देखते हुए धीरे-धीरे बंद हो चुका  धंधा पुनः शुरू हो गया। आज धड़ल्ले से हर गांव मोहल्ले में शराब का धंधा हो रहा है।

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    समय रहते नहीं हुई कार्रवाई तो फिर हो सकती है बड़ी घटना

    थाना क्षेत्र के रसनपुर ,वरनामा, मसूदा ,मोहदीनपुर, प्रभु नगर, अंबेडकर नगर , मुड़लाचक , चकवाय, मोसमा, मीर बीघा, बलवा पर, मकनपुर मुसहरी, हैबतपुर आदि  गांव में देसी महुआ शराब बड़े पैमाने पर बनाए और बेचे जाने की बात बराबर सामने आती रहती है। अंबेडकर नगर निवासी डॉ शंभू शरण चिंता व्यक्त करते हुए बताते हैं कि समय रहते अगर पुलिस प्रशासन द्वारा शराब धंधेबाजों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो नवादा जैसी घटना वारिसलीगंज में भी हो सकती है। बताते हैं कि पुलिस में शिकायत करने के बाद छापेमारी कर धर पकड़ की जाती है। लेकिन पुलिस के लौटने के तुरंत बाद पुनः शराब बनाने और बेचने का धंधा शुरू हो जाता है।

    दिनभर लगा रहता है शराबियों का जमघट

    अांबेडकर नगर मोहल्ले में शराब पीने और पिलाने के कारण दिनभर शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिस कारण मोहल्ले में निवास करने वाले सभ्य लोगों के सामने परेशानी उत्पन्न हो गई है। उसी प्रकार झौर निवासी प्रदीप कुमार बताते हैं कि प्रखंड में बिक रही देसी और विदेशी शराब में पुलिस भी बराबर की सहयोगी है। देसी का निर्माण स्थानीय स्तर पर किया जाता है, वहीं विदेशी शराब कहीं अन्य दूसरे प्रदेश से मंगाया जाता है। जिला के सीमा पर सघन जांच के बाद भी बड़ी वाहनों में रखा हुआ शराब जिले के वारिसलीगंज तक पहुंच जाती है। जिसे स्थानीय स्तर पर रहे शराब कारोबारी शराब पीने वाले को होम डिलीवरी करते हैं। वैसे नवादा घटना के बाद पुलिस-प्रशासन धंधे पर रोकथाम को सक्रिय हुई है, लेकिन अब भी धंधे पर पूरी तरह विराम नहीं लगा है।