काव्य संध्या में कविताओं के रस से सराबोर होते रहे श्रोता, कभी मुस्कुराए तो कभी हुए गंभीर, खूब पड़ी तालियां
औरंगाबाद के प्रसिद्ध तीर्थस्थल देव महत्ता को विस्तृत आयाम देने के उद्देश्य से जन विकास परिषद एवं जनेश्वर विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में कवि ...और पढ़ें

जासं, औरंगाबाद। सौर तीर्थस्थल देव की महत्ता को विस्तृत आयाम देने के उद्देश्य से जन विकास परिषद एवं जनेश्वर विकास केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। देव किला मैदान में कवि विश्वनाथ राय की अध्यक्षता में हुए आयोजन ने लोगों को काव्य के हर रंग से सराबोर कर दिया। कभी वे गुदगुदाए तो कभी गंभीर हुए। कभी बसंत की खुमारी ने उन्हें मदहोश भी किया। दूसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें श्रोता आनंदित होते रहे।
हंस और ओढ़नी वाली लड़की ने गुदगुदाया
आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिशासी एवं देश के मशहूर उद्घोषक शंकर कैमुरी ने काव्य संध्या का संचालन किया। उनके संचालन ने भी श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के बनारस और इलाहाबाद से आए कवियों ने तो समां बांध दिया। बनारस से आए हास्य कवि नागेंद्र शांडिल्य ने अपने अपने चुटीले व्यंग्य से लोगों को ठहाका लगाने पर मजबूर कर दिया। उनकी हंस और ओढ़नी वाली लड़की रचनाओं ने खूब तालियां बटोरीं। पूनम श्रीवास्तव ने अपने शृंगार रस से माहौल को सराबोर कर दिया। मधुर आवाज में उन्होंने कविता की प्रस्तुति की तो लोग मुग्ध हो गए। कई स्थानीय कवियों ने भी काव्य मंच की शोभा बढ़ाई। श्रीराम किशोर सिंह, धनंजय जयपुरी, जनार्दन मिश्र जलज, कुमारी आरती सिंह चौहान, शैलेंद्र मिश्र शैल, नागेंद्र केसरी, मुस्ताक अहमद आदि ने भी अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कवियों का उत्साहवर्धन करने के लिए सिद्धेश्वर विद्यार्थी, कविता विद्यार्थी, डॉक्टर सिद्धेश्वर प्र. सिंह, डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र, शिक्षक मथुरा सिंह, नमन मेहता आदि लोग उपस्थित थे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में झूमते रहे श्रोता
दूसरे सत्र में दानिका संस्थान के निदेशक डॉ रविंद्र कुमार के नेतृत्व में एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया । कलाकारों ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन प्रस्तुति दी । लोक गीत, छठ गीत और भक्ति परक गीतों पर श्रोता झूमते रहे।

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