जलाशय परियोजना के लिए भूमि की मापी शुरू, 357 रैयतों को एलपीसी निर्गत; डीहा में रैयत नहीं दे रहे कागजात
सरकार के निर्देश पर, गुरारु प्रखंड में उत्तर कोयल जलाशय परियोजना के अवशेष व पुनर्स्थापन कार्य के लिए भू अर्जन पूरा करने का काम तेजी से चल रहा है। 20 म ...और पढ़ें
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भूमि मापी शुरू। (जागरण)
संवाद सूत्र, गुरारु (गया)। उत्तर कोयल जलाशय परियोजना के अवशेष व पुनर्स्थापन कार्य के लिए भू अर्जन पूरा करने का निर्देश सरकार ने दी है। मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सरकार के निर्देश पर संबंधित जिला प्रशासन को 15 दिसंबर तक भू अर्जन के लिए रैयतों को भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत कर मुआवजा भुगतान करने को कहा है।
इसका असर भी अब दिखने लगा है। गुरारु प्रखंड के 20 मौजा के निजि व सरकारी भूमि को मिलाकर 632 भूमि इस जलाशय परियोजना के लिए चिह्नित की गई है।
इसमें प्रखंड के तिनेरी, जमलापुर, मलपा, कोल्हेया, बथानी, कोंची, केखड़ा, मंगरावां, देवकली, सेरपुर, सरेबा, तिलोरी, मरहा, पहरा, गंगटी, महमदपुर, सोनडीहा,भीमपुर, हरिनारायणपुर मौजा के 486 रैयतों की निजि भूमि जलाशय परियोजना के लिए अधिग्रहण की जानी है।
संबंधित मौजा में प्रतिदिन रैयतों से संपर्क कर उन्हें जलाशय परियोजना के अंतर्गत आ गई भूखंड का भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत करने व मुआवजा प्राप्त करने के लिए आवश्यक कागजातों की जानकारी प्रशासन के अधिकारी द्वारा जा रही है।
शनिवार तक इन रैयतों में से 357 रैयत को गुरारु के अंचल कार्यालय से भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया है। इन रैयतों को जिला भू-अर्जन कार्यालय से दावा के आधार पर मुआवजा का भुगतान भी होने लगा है। अंचल अधिकारी नुपुर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि चिह्नित भूमि की मापी कर लाइनिंग भी शुरु कर दिया गया है।
हालांकि सरेबा मौजा के रैयतों ने भूमि की मुआवजा दर का कम आकलन करने बात कह कर प्रशासन को अपने जमीन का दस्तावेज उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहे हैं।
वहीं, डीहा गांव के समीप सेरपुर आहर के बीच से उत्तर कोयल जलाशय के गुजरने से नाराज रैयतों ने जलाशय के नहर का मार्ग बदलने की मांग कर रहे हैं। यहां के रैयत भी जमीन का दस्तावेज प्रशासन को नहीं दे रहे हैं।

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