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    KK Pathak का आदेश इग्नोर... चार महीने बाद भी मोबाइल एप से शिक्षकों की नहीं बन रही हाजरी

    KK Pathak शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने चार महीने पहले यह आदेश जारी किया था कि सभी शिक्षकों की हाजरी मोबाइल एप से बनेगी लेकिन आज भी ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। बताया जा रहा है कि नेटवर्क काम नहीं करने के कारण अनेकों विद्यालय के शिक्षकों की हाजरी मोबाइल एप से नहीं बन रही है।

    By Vishwanath prasad Edited By: Mukul KumarUpdated: Wed, 03 Jan 2024 12:24 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई केके पाठक की तस्वीर

    जागरण संवाददाता, गया। जिले के सरकारी प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में नामांकित बच्चों की पढ़ाई रूटीन के अनुसार आठों घंटी हो। एक घंटा कमजोर बच्चों को पढ़ाया जाए। ऐसा सभी विद्यालयों में नियमित हो। सभी शिक्षक समय पर विद्यालय जाएं और आएं।

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    इसकी सफलता के लिए सभी शिक्षकों की हाजरी मोबाइल एप से बनाने का आदेश चार माह पूर्व शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के द्वारा जारी किया गया। इसके लिए शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों के मोबाइल पर एक लिंक भी जारी किया गया।

    हाजरी के अनुसार वेतन देने का निर्देश

    इसपर कई विद्यालय के शिक्षक जुडकर नौ बजे विद्यालय जाने और आने वक्त मोबाइल एप से हाजरी बनाना शुरू भी किए। शिक्षा विभाग द्वारा कहा गया कि मोबाइल एप से जिनकी हाजरी बनेगी उसी के अनुसार वेतन मिलेगें।

    उसके बाद कई शिक्षक एप वाला मोबाइल खरीदे, लेकिन नेटवर्क काम नहीं करने के कारण अनेकों विद्यालय के शिक्षकों की हाजरी मोबाइल एप से नहीं बनी।

    कुछ दिन तक इसी तरह मोबाइल एप से कुछ विद्यालय के शिक्षकों की हाजरी बनती रही, लेकिन आज तक एक दिन भी ऐसा नहीं हुआ कि सभी विद्यालय के सारे शिक्षकों की हाजरी मोबाइल ऐप से बनी।

    आज तो मोबाइल ऐप की कहानी ही समाप्त हो गया। जिले के एक भी विद्यालय के शिक्षकों की हाजरी मोबाइल ऐप से नहीं बन रही है। यानि केके पाठक के आदेश के चार माह बाद भी मोबाइल ऐस से शिक्षकों की हाजरी नहीं बन रही है।

    शिक्षकों को समय पर पहुंचा रहा था मोबाइल एप

    शिक्षकों को विद्यालय में समय पर आने और जाने की जानकारी मोबाइल एप शिक्षा विभाग को देती थी। क्योंकि विद्यालय में रहने के बाद ही शिक्षकों की हाजरी मोबाइल एप से बनती थी।

    अगर शिक्षक विद्यालय से घर चले गए और वहीं से हाजरी बनान चाहें तो मोबाइल एप से नहीं बनती। इसके लिए शिक्षक को विद्यालय के समीप ही जाना पड़ता था। जब शुरूआत कुछ विद्यालय में हुआ तो समय पर शिक्षक पहुंचकर मोबाइल ऐप से हाजरी बनाते थे।

    शिक्षकों की हाजरी मोबाइल एप से बनने की शुरूआत हुई। कई विद्यालय के शिक्षक कुछ दिन तक मोबाइल एप से हाजरी बनाएं भी। लेकिन डाटा अपटुडेट नहीं होने के कारण मोबाइल एप से शिक्षकों की हाजरी नहीं बन रही हैं।-राजदेव राम , जिला शिक्षा पदाधिकारी

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