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    Bihar News: कोर्ट में जज को दिख गई चेहरे पर आई सूजन, डॉक्टर और थानाध्यक्ष भरेंगे जुर्माना

    Updated: Tue, 06 May 2025 06:30 PM (IST)

    गया में एक बंदी की चिकित्सा जांच की झूठी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के मामले में कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए दो डॉक्टर और थानाध्यक्ष के खिलाफ जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि तीनों के वेतन से जुर्माने की कुल राशि 30 हजार रुपये वसूल कर बंदी के खाते में जमा करवाएं।

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    एसडीजेएम कोर्ट शेरघाटी ने दो चिकित्सक और बांके बाजार के तत्कालीन थानाध्यक्ष पर लगाया जुर्माना।

    संवाद सहयोगी, शेरघाटी (गया)। एसडीजेएम कोर्ट शेरघाटी में मंगलवार को डुमरिया थाना कांड संख्या 26/14 के मामले में धर्मेंद्र कुमार की चिकित्सा जांच की झूठी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के मामले में दो डॉक्टर और थानाध्यक्ष पर जुर्माना लगाया। 

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    देना पड़ेगा 10-10 हजार रुपये

    कोर्ट ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बांके बाजार के डॉक्टर अवधेश कुमार, अनुमंडलीय अस्पताल की डॉक्टर अर्चना कुमारी एवं मैगरा थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सौरभ कुमार के विरुद्ध 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 

    वेतन से 30 हजार बंदी को देंं

    कोर्ट ने ट्रेजरी ऑफिसर को निर्देशित किया है कि तीनों व्यक्तियों के वेतन से जुर्माने की कुल राशि 30 हजार रुपये वसूल करके बंदी धर्मेंद्र कुमार के खाते में जमा करवाएं। इस मामले को लेकर एसडीजेएम कोर्ट शेरघाटी में  बंदी के पत्नी के बयान पर मिसलेनियस केस. 1/25 खोला गया था।

    इंजेक्शन लगाकर बताया था फिट

    विदित हो कि 29 जनवरी 25 को डुमरिया थाना कांड संख्या 26/14 में धर्मेंद्र कुमार को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। बंदी के चेहरे पर मारपीट और सूजन के चिन्ह पाए गए थे। तत्पश्चात कोर्ट ने उसकी मेडिकल जांच के लिए अनुमंडलीय अस्पताल शेरघाटी भेजा। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अर्चना कुमारी ने उसे इंजेक्शन लगाया। इसके बाद अपने रिपोर्ट में उसे फिट बताया। 

    देखे बिना दिया फिट होने का सर्टिफिकेट

    इससे पूर्व बांके बाजार के चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार ने बगैर पीड़ित को देखे उसे फिट होने का सर्टिफिकेट दे दिया। तत्पश्चात पीड़ित को जेल भेजा गया। जहां जेल में तैनात चिकित्सक डॉ. रघुनंदन कुमार ने उसकी स्वास्थ्य  जांच की।

    अपराधी से की गई मारपीट

    जांच में उसके चेहरे, पीठ, गर्दन आदि पर चोट के निशान होने की बात बताई। तत्पश्चात उसे एक्स-रे के लिए शेरघाटी अस्पताल भेजा और उसका इलाज शुरू किया। इधर, कोर्ट ने कहा है की पीड़ित के द्वारा कोर्ट के समक्ष आवेदन देकर बताया गया है कि मैगरा थानेदार के द्वारा 28 जनवरी 2025 को उसे गिरफ्तार करने के बाद जगह-जगह पर ले जाकर उसे साथ लात, घूसे, फैट से मारपीट की गई।

    मामले में ऐसे फंस गए थानेदार

    वहीं, पीड़ित की पत्नी ने थानेदार द्वारा बदसलूकी का आरोप लगाया।  कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा लीलावती बेहरा/उड़ीसा एवं मोनिका कुमार/ यूपी में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पुलिस के द्वारा की गई कार्रवाई को मौलिक अधिकार मौलिशन का उल्लंघन पाया है, जिसके तहत संबंधित चिकित्सक और थानेदार पर कार्रवाई की गई है।