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    बिहार में Coronavirus Prevention का देसी फॉर्मूला: सर्दी-जुकाम से सांस की तकलीफ तक में कारगर है यह इलाज

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Mon, 17 May 2021 11:57 AM (IST)

    Coronavirus Prevention बिहार में कोराेनावायरस से बचाव का देसी फॉर्मूला भी अपनाया जा रहा है। सर्दी-जुकाम से लेकर सांस की तकलीफ में आयुर्वेदिक होमियोपैथिक व यूनानी इलाज कारगर साबित हो रहा है। गया के ऐसे औषधालयों में दूर-दूर से लोग इलाज व दवा के लिए आ रहे हैं।

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    कोरोनावायरस संक्रमण व इलाज की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

    गया, जागरण संवाददाता। Coronavirus Prevention बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव में देसी चिकित्सा का योगदान बढ़ा है। गत वर्ष की भांति इस साल भी आयुर्वेद, होमियो व यूनानी चिकित्सा पद्धतियों की ओर लोगों का रुझान है। गया शहर स्थित जिला संयुक्त औषधालय में बीमार लोगों की इलाज के लिए आयुर्वेद, होमियो व यूनानी चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है। वहां दूर-दूर से लोग इलाज व दवा के लिए आ रहे हैं।

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    दूर-दूर से आ रहे लोग, दवाएं उपलब्ध

    यूनानी चिकित्सक डॉ. कुहसिया तलत बताती हैं कि उनके औषधालय में शहर के अलावा गांव-देहात से भी लोग इलाज व दवा लेने के लिए आते हैं। हालांकि लॉकडाउन की वजह से इन दिनों मरीजों की भीड़ थोड़ी घटी है। बावजूद इसके, हर दिन 15 से 20 मरीज अपनी बीमारी का इलाज के लिए देसी चिकित्सा में विश्वास रखते हुए आते हैं। आयुष मंत्रालय की ओर से संचालित इस औषधालय में अभी ज्यादातर दवाएं उपलब्ध हैं।

    तकलीफ के अनुसार दी जातीं दवाएं

    होमियोपैथ के चिकित्सक डॉ. अब्दुल मनान अंसारी बताते हैं कि जो भी मरीज आते हैं उनकी तकलीफ के अनुसार दवाएं दी जाती हैं। वह बताते हैं कि अभी संक्रमण से बचाव को लेकर आर्सेनिक अलबम 30 दवा दी जा रही है। इसके अलावा सांस की तकलीफ रहने पर कार्बोभेज भी दी जाती है। इसके अलावा एसपीडोस्पर्मा भी लोग मांग रहे हैं। ब्रोनिया, रस्टक जैसी दवाएं भी दी जाती है। यहां होमियोपैथी की कोरोना से संबंधित करीब 80 दवाएं उपलब्ध हैं।

    अच्‍छी सेहत के लिए लें यूनानी दवाएं

    यूनानी चिकित्सक डॉ. कुहसिया तलत बताती हैं कि खांसी के लिए जोसिना, स्वालिन टेबलेट, बुखार-जुकाम के लिए ओजाईन दवा दी जाती है। उनके यहां 15 तरह की दवाएं उपलब्ध है। वे यूनानी दवाओं को सेहत तंदुरुस्त रखने में कारगर बताती हैं।

    रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है काढ़ा

    आयुर्वेद चिकित्सा से जुड़े कर्मी बताते हैं कि पिछले साल और इस बार भी सबसे अधिक आयुष काढ़ा लोगों को दिया गया। इस साल करीब 11 सौ पैकेट दिया गया है। आयुर्वेद के जानकारों की मानें तो यह काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। पिछले साल होम आइसोलेशन में रहे संक्रमितों के लिए करीब 4 हजार पैकेट उपलब्ध कराए गए थे। हालांकि अब इस औषधालय में यह आयुष काढ़ा खत्म हो गया है। जिसे विभाग की ओर से उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। जानकार लोग इसकी मांग करते हैं। बुखार में लक्ष्मी बिलसास, महासुदर्शन चूर्ण दिया जाता है। इसके अलावा सीतोप्लादि चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण, त्रिफला चूर्ण, ङ्क्षहगवास्टक चूर्ण, लवणभास्कर चूर्ण, महाशंखवटी उपलब्ध है। गिलोय धनबेटी की गोली खत्म हो गई है। इस साल इस दवा की खरीदारी ही नहीं हुई है।

     

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