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    आपके आशियाने पर श्रम विभाग की नजर, 10 लाख से अधिक के निर्माण पर देना होगा टैक्‍स, जानें स्‍लैब

    By Prashant KumarEdited By:
    Updated: Tue, 06 Jul 2021 04:00 PM (IST)

    10 लाख रुपये से अधिक राशि से मकान व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनाने वालों पर अब श्रम संसाधन विभाग की पैनी नजर है। इससे अधिक राशि का मकान वद प्रतिष्ठान बनान ...और पढ़ें

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    10 लाख रुपये से अधिक के निर्माण पर टैक्‍स लगाएगा श्रम विभाग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

    प्रेम कुमार पाठक, डेहरी ऑन सोन (सासाराम)। 10 लाख रुपये से अधिक राशि से मकान व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनाने वालों पर अब श्रम संसाधन विभाग की पैनी नजर है। इससे अधिक राशि का मकान वद प्रतिष्ठान बनाने पर एक फीसद टैक्स जमा करना होगा। टैक्स जमा नहीं करने पर विभाग घर को नीलाम तक करा सकता है। जिले में इसके लिए सर्वे कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

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    अबतक 155 लोगों को टैक्स जमा करने की नोटिस भेजी गई है तथा इस मद में 25.75 लाख रुपये रुपये राजस्व की वसूली भी हुई है। कार्रवाई की जद में कई होटल संचालक, स्कूल-कालेज संचालक, अस्पताल व बड़े बिल्डर्स भी आए हैं। हालांकि, जिले में इस तरह का टैक्स पहली बार लिया जा रहा है। वसूल की गई राशि मजदूरों के हित में संचालित योजनाओं पर खर्च की जाएगी।

    श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश ने बताया कि केंद्र सरकार ने 1996 में एक कानून लागू किया था कि 10 लाख रुपए से अधिक की राशि से निर्माण होने वाले मकान व दुकान पर श्रम संसाधन विभाग एक फीसद टैक्स लेगा। इसके बाद बिहार भवन एवं सनिर्माण कर्मकार अधिनियम तथा भवन एवं सनिर्माण कर्मकार कल्याण उपस्कर नियमावली के तहत सभी सरकारी एवं निजी रिहायसी इलाके, भवन अपार्टमेंट, बिजनेस कंपलेक्स जिसका निर्माण लागत 10 लाख रुपए से अधिक है पर कुल लागत का एक फीसद की दर से राजस्व की राशि जमा करने का प्रावधान है। जिसके तहत पूरे जिले में सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है। अबतक 155 लोगों को नोटिस दी गई व 25.75 लाख रुपये राजस्व की वसूली भी की गई।

    प्रधान सचिव के निर्देश पर सक्रिय हुआ महकमा

    श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने गत माह श्रम अधीक्षक को पत्र भेज यह जानकारी मांगी थी कि क्या रोहतास जिला में 10 लाख रुपए से अधिक राशि से निजी, सरकारी या व्यवसायिक भवन नहीं बनाए जा रहे है। अगर बने हैं तो उनसे टैक्स क्यों नहीं जमा कराया गया। जिसके बाद श्रम अधीक्षक ने नवनिर्मित मकानों को को सर्वे करने का कार्य सभी प्रखंडों के श्रम नियोजन अधिकारियों को देते हुए जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। कुछ प्रखंडों में हुए सर्वेक्षण कार्य के बाद प्रथम चरण में विभाग द्वारा 155 लोगों को नोटिस जारी की गई। नोटिस में कहा गया है कि शीघ्र 10 लाख रुपए से अधिक की राशि से बने भवन के लिए एक फीसद राशि संबंधित विभाग को जमा करें।

    कहते हैं श्रम अधीक्षक

    श्रम अधीक्षक सत्‍यप्रकाश ने कहा कि जिले में पहली बार अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। अब तक 250 लोगों को चिह्नित किया गया है जिन्हें नोटिस भेजकर उन पर कार्रवाई की जा रही है। जिनके द्वारा अतरिक्त व्यय पर टैक्स की राशि नही जमा की गई है, उन पर मुकदमा दर्ज कर निर्मित भवन की नीलामी की जाएगी। कहा कि नोटिस निर्गत के 90 दिन में अगर ज़बाब नहीं मिलता है या राशि नहीं जमा की जाती है तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अबतक कई बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान, अस्पताल, अपार्टमेंट व होटल व्यवसायी से 25.75 लाख रुपये टैक्स के रूप में जमा कराया गया है।

    इन प्रखंडों से वसूल की गई राशि

    प्रखंड                     राशि

    • सासाराम        14 लाख रुपये
    • डेहरी              09 लाख रुपये
    • बिक्रमगंज       02 लाख रुपये
    • अकोढ़ीगोला    75 हजार रुपये