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    Digital Map:गया में मिलता है बिहार के हर गांव-गली और घर की जमीन का नक्‍शा, अब पटना जाने की जरूरत नहीं

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Fri, 25 Dec 2020 10:44 AM (IST)

    गया के नगर प्रखंड क्षेत्र में बिहार सरकार की ओर से डिजिटल मैप शाखा खोली गई है। तीन साल से चल रही इस शाखा से हजारों नक्‍शे निकाले जा चुके हैं। यहां से बिहार के किसी भी इलाके की घर जमीन और गली का नक्‍शा निकाला जा सकता है।

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    इसी मशीन से निकाला जाता है नक्‍शा। जागरण

    विश्‍वनाथ प्रसाद, मानपुर (गया)। बिहार के किसी भी जिले के गांव में बने मकान या जमीन का नक्शा (Digital Map) लेना हो तो गया शहर स्थित नगर प्रखंड पहुंचे। यहां अंचल कायाॅलय के अधीनस्थ  चल रहे बिहार सरकार डिजिटल मैप शाखा काउंटर पर आइए। नाम, पता एवं जमीन का विवरण के साथ एक आवेदन और 150 रुपए की रसीद कटाकर जमा करें। आपको प्लौटर मशीन से नक्शा निकलकर हाथों हाथ दे दिया जाएगा।

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    तीन साल से यहां मिल रहा नक्शा 

    शहर एवं गांव में बसे लोगों को जरुरत पड़ने पर नक्शा के लिए उन्हें पटना के गुलजारबाग जाना पड़ता था। वहां आने जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। बषॅ 2017 में बिहार सरकार की ओर से डीजिटल मैप शाखा नगर प्रखंड में खोली गई। इसके बाद गया जिलावासियों को नक्शा लेने में काफी सहूलियत होने लगी। अब तो यहां बिहार के किसी भी जिले में बसे गांव के मकान और जमीन का नक्शा मिलना शुरू हो गया है। यह सुविधा दिसंबर से मिल रही है। 

    यहां सोमवार और गुरुवार को ही मिलता है नक्‍शा

    सरकारी नियमानुसार डिजिटल मैप शाखा से प्रतिदिन नक्शा मिलने का प्रावधान है। लेकिन आॅपरेटर की कमी के कारण यहां सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को ही नक्शा मिलता है। इस शाखा में मात्र एक डाटा इंट्री आॅपरेटर हैं। जिन्हें प्लौटर मशीन से नक्शा देने के अलावा आॅनलाइन दाखिल खारिज करने, एलपीसी बनाने आदि काम करने पड़ते हैं। जिसके कारण प्रतिदिन नक्शा देने का काम नहीं किया जाता। अगर हर काम के लिए अलग- अलग आॅपरेटर की नियुक्ति कर दी जाय तो डिजिटल इंटरी शाखा से प्रतिदिन नक्शा मिलना शुरु हो जाएगा। 

    एक साल में 4200 को मिला नक्शा 

    नगर प्रखंड स्थित डीजिटल मैप शाखा से दो दिन में 80 लोगों को नक्शा दिया जाता। जिससे 1200 रुपये राजस्व आता है। एक माह में 350 लोगों को नक्शा देने पर 52500 रुपये बतौर राजस्व प्राप्‍त होते हैं। एक साल में 4200 लोगों ने यहां से नक्शा लिया। जिससे 6 लाख 30 हजार राजस्व जमा हुआ। यहां प्रतिदिन नक्शा नहीं मिलने से बिहार वासियों के परेशानी के साथ सरकार को भी काफी नुकसान हो रहा है।डीजिटल मैप शाखा के डाटा इंटरी आॅपरेटर मनोज कुमार का कहना है कि स्टाफ की कमी के कारण हमें ही कई काम करने पड़ते हैं। जिसके कारण प्रतिदिन नक्शा देने का कार्य नहीं किया जाता। 

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