नदी घाटों से बालू खनन रुकेगा तो डेढ़ गुना तक बढ जाएगी कीमत
-बालू का स्टॉक करने पर प्रति ट्रैक्टर लोडिग-अनलोडिग पर 200 रुपये - नदी से डंपिग स्पॉट तक परिवहन में 300 रुपये डंपिग स्पॉट का किराया --------- फोटो- 12 जागरण संवाददाता
नवादा । जिले के नदी घाटों से 30 जून के बाद अगले तीन महीने के लिए बालू खनन नहीं होगा। इस दौरान बालू की किल्लत न हो इसके लिए संवेदक को सरकार द्वारा बालू स्टॉक करने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदक द्वारा बालू का स्टॉक किया जा रहा है, लेकिन बालू की कीमत खरीदारों के लिए महंगा हो जाएगा। प्रति ट्रैक्टर डेढ़ गुना तक मूल्य वृद्धि संभावित है। ऐसे में घर-मकान बनाने वालों को परेशानी हो सकती है।
उल्लेखनीय है प्रति वर्ष 30 जून तक सीधे नदी घाटों से बालू का खनन होता है। उसके बाद तीन माह यानि जुलाई, अगस्त व सितंबर तक बालू का खनन सीधे नदी से नहीं होता है। इस अवधि में खनन पर पूर्ण पाबंदी है। तीन माह की अवधि में बालू की कमी न हो इसके लिए संवदेक को सरकार बालू स्टॉक करने की इजाजत देती है। इस वर्ष भी यह व्यवस्था की गई है। लेकिन बालू की कीमत पूर्ववत नहीं रह पाएगा।
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कीमत में बढ़ोतरी तय
बालू की कीमत में बढ़ोतरी होगी। वह भी करीब डेढ़ गुना तक। इस बावत जिले के नदी घाटों के संवेदक मेसर्स जय माता दी कंस्ट्रक्शन के संचालक गोपाल प्रसाद बताते हैं कि बालू की कीमत में मूल्य वृद्धि तय है। फिलवक्त, 1500 रुपये प्रति सौ सीएफटी बालू सीधे नदी घाटों से मिल जाता है। वहीं, बालू का स्टॉक करने पर प्रति ट्रैक्टर लोडिग-अनलोडिग पर 200 रुपये, नदी से डंपिग स्पॉट तक परिवहन में 300 रुपये, डंपिग स्पॉट का किराया, लाइसेंस फीस, कंप्यूटर ऑपरेटर आदि पर खर्च जोड़कर करीब 600-700 रुपये प्रति 100 सीएफटी लागत बढ़ जाएगा। ऐसे में बालू का दर करीब डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगा।
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नवादा में 21 डंपिग स्पॉट
जिले में 21 डंपिग स्पॉट बनाने की स्वीकृति खनन विभाग द्वारा संवेदक को दी गई है, जहां संवेदक के द्वारा बालू का स्टॉक किया जा रहा है। जिले में कुल 59 बालू घाट स्वीकृत हैं। जहां से बालू का उठाव कर चिन्हित स्थल पर बालू डंप किया जा रहा है। इन स्थानों से खरीदारों को अपने कार्य स्थल तक बालू ले जाने में भी अतिरिक्त परिवहन शुल्क देना पड़ सकता है। स्वभाविक सी बात है कि जब परिवहन की दूरी बढ़ेगी तो वाहन मालिक भी किराया बढ़ाएंगे।
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जरूरतमंद कर रहे बालू का स्टॉक
बालू की कीमतों में मूल्य वृद्धि से जिले के लोग अंजान नहीं है। ऐसे में जिन्हें अगले कुछ माह में बालू की जरूरत है वे 30 जनू के पूर्व ही स्टॉक करने में लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त जगह होने के कारण बालू का स्टॉक करना आसान होता है। परेशानी शहरी क्षेत्र के लोगों के समक्ष ज्यादा है। उन्हें स्टॉक करने के लिए जगह की कमी पड़ रही है।