खुलासा : नोटबंदी के बाद नक्सलियों को भेजी बड़ी राशि, 14 खातों से मनी लांड्रिंग
नोटबंदी के बाद बिहार-झारखंड में 14 बैंक खातों से मनी लांड्रिंग का खुलासा हुआ है। आयकर विभाग को इसके सबूत मिले हैं। इनमें कुछ के माध्यम से नक्सलियों को भी लाभ पहुंचाया गया।
पटना [जेएनएन]। नोटबंदी के बाद बिहार-झारखंड के कई बैंक खातों के माध्यम से नक्सलियों को बड़ी मात्रा में राशि पहुंचाई गई है। आयकर विभाग ने बिहार और झारखंड में 14 ऐसे बैंक खातों को चिन्हित किया है जिनसे नोटबंदी के बाद मनी लांड्रिंग की गई है। इनमें बिहार के गया में हाल में पकड़े गए दो बैंक खाते भी शामिल हैं। सभी खातों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की गई है।
जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद मनी लांड्रिंग के खेल में राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ निजी व सहकारिता क्षेत्र के बैंक भी शामिल हैं। इस मामले में बिहार व झारखंड के करीब दो दर्जन बैंक अधिकारी और कर्मी भी आयकर के निशाने पर हैं। इन बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये बिहार व झारखंड से बाहर स्थानांतरित किए गए हैं। आयकर विभाग को इसके सबूत भी मिले हैं।
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आयकर की एक टीम इन बैंक खातों का हवाला कनेक्शन भी खंगाल रही है। इनमें अधिकतर बैंक खाते झारखंड के हैं। इन खातों में जमा की गई राशि का संबंध नक्सलियों से हो सकता है। इस आशंका को लेकर मामला पुलिस में भी दर्ज करा दिया गया है।
इनमें दो बैंक खाते गया से संबंधित हैं। आयकर विभाग ने पिछले दिनों गया के एक कॉटन व्यवसायी के ठिकानों पर छापेमारी की की थी। जिसमें 20 करोड़ रुपये के मनीलांड्रिंग का मामला प्रकाश में आया था।
आयकर विभाग के प्रधान निदेशक (अन्वेषण) एके सिन्हा ने फिलहाल इन खाताधारियों के संबंध में कोई जानकारी देने से यह कहकर इंकार कर दिया कि अभी इन खातों की जांच का काम ईडी व सीबीआइ ने शुरू नहीं किया है। हालांकि, सिन्हा ने यह जरूर कहा कि कुछ संदिग्ध बैंक खाते मिले हैं। इनका संबंध नक्सलियों से होने की आशंका है।
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