Heat Wave In Gaya: गया में गर्मी का असर, 47 दिन के अंदर दो बार रेल लाइन में आई बड़ी दरार; हो सकता था हादसा
बिहार के गया में हीट वेव का असर दिख रहा है। यहां दो बार रेल की पटरी में दरार देखी गई है। हालांकि समय रहते दरार का पता चलने से बड़ा हादसा टाला जा सका है। इस रेल खंड से राजधानी एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं।

संवाद सूत्र, फतेहपुर। गया कोडरमा रेल खंड घाटी सेक्शन पर बीते 47 दिनों के अंदर दो बार अत्याधिक गर्मी पड़ने (हीट वेव) से रेल लाइन में दरार पड़ चुकी है।
अच्छी बात यह है कि दोनों ही बार रेल पथ कर्मी की सतर्कता से रेल हादसा होने से बच गया। अधिक गर्मी पड़ने का असर रेल की पटरी पर पड़ रहा है।
गर्मी से रेल लाइन हीट होकर मुलायम हो जाती है। इससे रेल लाइन में दरार आ जाती है। इसे ठीक करने के दौरान रेल लाइन टेढ़ी हो जाती है।
हर पांच मिनट में गुजरती है ट्रेन
दोनों दरारें अप एवं डाउन लाइन पर दोपहर की कड़ी धूप के समय दिखाई दीं। दोनों दरार का मामला गझंड़ी से गुरपा स्टेशन के बीच सामने आया है।
यह क्षेत्र घाटी सेक्शन में आता है। जबकि रेल पथ कर्मी की ड्यूटी लगी रहती है। इस क्षेत्र में तीन गुफा हैं। इससे हर पांच मिनट पर रेल गुजरती रहती हैं।
पहली बार 25 अप्रैल को दिखी थी दरार
पहली घटना 25 अप्रैल को नाथगंज स्टेशन के पास हुई थी। दूसरी नौ जून की दोपहर में दिलवा एवं लाराबाद के बीच डाउन लाइन पर किलोमीटर 407/10 के पास दिखाई दी है।
इसे ठीक करने में तीन घंटे का समय लगा। रेल लाइन पर पड़ी दरार के वक्त सहरसा हटिया एक्सप्रेस जाने का टाइम था। अगर उस दरार पर रेल कर्मी की नजर नहीं पड़ती तब बड़ा हादसा हो सकता था।
25 अप्रैल को भी हटिया कोसी एक्सप्रेस अप लाइन से जाने वाली थी। जिसे गझंड़ी स्टेशन पर रोक दिया गया था। रेल लाइन को ठीक करने के लिए दिन-रात काम चल रहा है।
राजधानी-दुरंतो जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं यहां से
हालांकि, इस रेल खंड से राजधानी, दुरंतो सहित अन्य सुपर फास्ट एक्सप्रेस चलती हैं। दिन में भी कई एक्सप्रेस अप डाउन पर चलती हैं।
ऐसे में रेल लाइन में पड़ने वाली दरार के ऊपर विशेष ध्यान रखना होगा। घाटी सेक्शन में रेल की गति सीमा 60 से 70 के बीच होती है।
अप लाइन से जाने वाली सभी ट्रेन धीमी गति से जाती हैं। गुरपा से गझंड़ी के बीच चढ़ाई है। चढ़ाई ज्यादा होने से ट्रेन गुरपा स्टेशन से बैंकर लेकर चलती हैं।
ओडिशा रेल हादसे के बाद से रेल विभाग इस ओर विशेष सतर्क नजर आ रहा है। चतुर्थ वर्गीय रेल कर्मी की सतर्कता से दो बार रेल हादसा होने से बचा लिया गया।
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