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    बिहार पुलिस के लिए स्‍टील के रॉड ने ऐसे दी गवाही, वरना मुश्किल हो जाती टेंपो चालक की पहचान

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Sun, 30 May 2021 05:06 PM (IST)

    औरंगाबाद के दाउदनगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने रविवार को एक सिरकटा शव बरामद किया। उसके एक हाथ और एक हाथ का पंजा भी गायब था। हाथ में लगे स्‍टील के रॉड से शव की शिनाख्‍त हो सकी।

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    पुलिस की गिरफ्त में आए हत्‍या के आरोपित। जागरण

    दाउदनगर (औरंगाबाद), संवाद सहयोगी। दाउदनगर थाना के चौरी निवासी टेंपो चालक अनिल सिंह का शव रविवार को बरामद किया गया। सिर, हाथ और एक हाथ का पंजा गायब होने के बावजूद शव की पहचान उस स्‍टील के रॉड से हुई जो हाथ टूटने पर अनिल सिंह को लगाया गया था। इस घटना को अंजाम देने वाले चार अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि मुख्य साजिशकर्ता समेत अन्‍य अपरा‍धी अभी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि मारपीट के प्रतिशोध में इस घटना को अंजाम दिया गया है।  रविवार को थाना परिसर में एसडीपीओ राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की पूरी जानकारी दी।

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    16 मई को किया गया था अनिल सिंह का अपहरण  

    उन्होंने बताया कि 16 मई को उसका अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। 30 मई को शव बरामद हुआ। शव को नमक के साथ गड्ढे में गाड़ दिया गया था ताकि शव गलकर खत्म हो जाए और साक्ष्य मिले ही नहीं। उन्होंने बताया कि मृतक अनिल सिंह के पुत्र शुभम सिंह ने 17 मई को अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें धारा 365 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई। आगे की जांच के लिए थानाध्यक्ष अरविंद कुमार गौतम के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की एक एसआइटी गठित की गई। एसडीपीओ ने बताया कि एसआइटी ने आसूचना संकलन कर चार को पकड़ा गया। उनके स्वीकारोक्ति बयान एवं निशानदेही पर हसपुरा थाना अंतर्गत जखौरा के पुनपुन नदी के किनारे से मिट्टी खोदकर गाड़ा गया अनिल का शव बरामद किया गया। एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि पूरे घटनाक्रम का मुख्य साजिशकर्ता शिव कुमार यादव उर्फ मुखिया चौरी का रहने वाला है। वह अभी गिरफ्तार नहीं हो सका है। इस मामले में बबलू कुमार, प्रभात कुमार, धीरेंद्र पांडे और पंचम कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस के सामने अभी अनिल का सिर और उसका ऑटो बरामद करने की चुनौती है।

    घटना की वजह मारपीट या कुछ और…

    अनिल सिंह का अपहरण कर जिस तरीके से हत्या की गई उससे यह स्पष्ट है कि यह सब कुछ प्लान के तहत हुआ है। क्षणिक आक्रोश का यह नतीजा नहीं हो सकता है। एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि शिव कुमार यादव उर्फ मुखिया से अनिल सिंह एवं उनके पक्ष के लोगों की 14- 15 मई को गाली गलौज और मारपीट की घटना हुई थी। इसके बाद शिव कुमार उर्फ मुखिया ने साथियों के सहयोग से अनिल का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।  साक्ष्य विलोपित करने के उद्देश्य से शव को नदी के किनारे गाड़ दिया था।

    वर्चस्‍व के लिए मुखिया ने की बेरहमी से हत्‍या 

    पुलिस सूत्रों के अनुसार मुखिया अपनी हनक को कायम रखना चाहता था इसीलिए उसने अनिल की हत्या कर दी। 14-15 मई की जिस घटना का जिक्र किया जा रहा है उसमें दो प्राथमिकी अलग-अलग दर्ज हुई थी। शादी विवाह के समय वाहन खड़ा करने को लेकर विवाद हुआ था। बैजनाथ सिंह की ओर से इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में 21 नामजद आरोपी बनाए गए थे। वहीं संजय कुमार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में 11 को नामजद आरोपी बनाया गया था। अनिल सिंह एक मामले में नामजद था। जानकारी के अनुसार जो चर्चा है वह यह है कि मारपीट की घटना के बाद मुखिया यादव और उसके साथियों को लगा कि गांव में उसकी हनक कम हो जाएगी इसलिए उसने इस तरह का जघन्य अपराध को अंजाम दिया। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार ही अनिल की जगह जो भी मिलता उसकी बलि मुखिया गिरोह दे देता क्यों कि उस पर अपनी हनक कायम रखने का भूत सवार था।