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    Gaya Railway Junction: कभी देखा है ऐसा फव्‍वारा, बड़े साहब के आते ही चलने लगता है, जाते ही हो जाता है बंद

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Fri, 18 Dec 2020 01:08 PM (IST)

    गया रेलवे जंक्‍शन के सुंदरीकरण के लिए लगाया गया फव्‍वारा बंद पड़ा है। लाखों खर्च किए जाने के बावजूद इसकी ऐसी हालत है। जब रेलवे के बड़े हाकिम आते हैं तब ही इसे चालू किया जाता है। उनके जाते ही यह बंद हो जाता है।

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    गया जंक्‍शन पर बंद पड़ा फव्‍वारा। जागरण

    जेएनएन, गया। गया जंक्शन (Gaya Junction) परिसर में रेलवे की सुंदरीकरण (Beautification) योजना के तहत पानी का बड़ा फव्‍वारा (Fountain) लगाया गया है। इस फव्वारा पार्क में ही देश की शान तिरंगा लहराता है। लेकिन हर रोज चलाया जाने वाला यह फव्‍वारा बंद है। अब महीने में भी एक-दो ही बार तब चालू होता है जब रेलवे के बड़े अधिकारी आते हैं। जैसे ही वे लौटते हैं, फव्‍वारा भी बंद कर दिया जाता है। यानी यह योजना सुंदरीकरण के बजाय रेलवे के अधिकारियों को 'खुशीकरण' की योजना बनकर रह गई है।

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    रेलवे के ‘ए’ श्रेणी के स्टेशनों में शुमार गया जंक्‍शन के बाहरी परिसर स्थित पार्क में यह फव्‍वारा लगाया गया। यह फव्‍वारा हर रोज चलाना है ताकि जंक्‍शन पर आने वाले यात्रियों को अच्‍छा लगे। जंक्‍शन की खुबसूरती भी निखरे। सुंदरीकरण के नाम  पर रेलवे ने लाखों खर्च किए। योजना अनुसार रंगबिरंगी रोशनी के बीच फव्‍वारे की फुहार होनी थी। ताकि यहां इंद्रधनुष्‍ाी रंग बिखरे। लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं था। कोरोना काल में जब ट्रेनें पूर्ण रूप बंद थीं तब तब रेलवे ने इसका मेंटेनेंस कराया। लोगों को लगा कि अब यह नियमित चलेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

    12 साल पहले लगाया गया था पार्क में फव्‍वारा

    रेलवे ने 12 वर्ष पूर्व स्टेशन के प्रवेश द्वार के सामने रोशनी वाला आधुनिक फव्वारा लगाया था। अब वह बेकाम पड़ा है। गंदगी का अंबार वहां लगा है। फव्वारे का पानी कचरे में तब्‍दील हो गया है। उसमें जमा पानी के बदबू से वहां रुकना मुश्किल हो जाता है। पटना के मीठापुर निवासी अनिल सिंह, धनबाद के स्टील गेट निवासी दिलीप कुमार का कहना है कि वे जब भी गया शहर आते हैं तो वह रेलवे स्टेशन पर फव्वारा को जरूर देखते थे। पार्क और फव्वारा की देखरेख तीन शिफ्ट में रेलकर्मी कर रहे हैं। हर महीने रेलवे करीब एक लाख रुपये इन कर्मियों पर खर्च कर रहा है। लेकिन यह कैसी ड्यूटी है, स्‍वयं समझा जा सकता है। हालांकि अब रेलवे के आईओडब्ल्यू के भास्कर का कहना कि फव्वारे में पानी भरकर जल्द इसे चालू हालत में लाया जाएगा।