गया में उर्वरक दुकानदारों की मनमानी, 1850 में तो 380 में बिक रहा यूरिया
गया जिले में उर्वरक विक्रेताओं द्वारा यूरिया खाद की कालाबाजारी की जा रही है। किसान 380 रुपये की खाद को 1850 रुपये में खरीदने को मजबूर हैं। किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। किसानों का कहना है कि इस मनमानी से उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है।

उर्वरक दुकानदारों की मनमानी
संवाद सूत्र,डोभी। प्रखंड में उर्वरक की कालाबाजारी अब खुलेआम होती दिख रही है। किसानों को सरकारी दर से अधिक कीमत पर खाद खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। रविवार को जागरण प्रतिनिधि ने ग्राहक बन कर डोभी–गया मुख्य मार्ग सहित करमौनी बाजार के आधा दर्जन से अधिक दुकानों का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान जो सच सामने आया, वह किसानों की मजबूरी और व्यवस्था की लापरवाही दोनों को उजागर करता है।
डीएपी खाद 1800 रुपये प्रति बैग
डोभी–गया मार्ग स्थित तीन दुकानों पर डीएपी खाद 1800 रुपये प्रति बैग और यूरिया 360 रुपये प्रति बैग में बेची जा रही थी। दुकानदारों का सीधा दावा था कि “खाद उपलब्ध है, इसलिए किसान ज्यादा सवाल नहीं उठाते।”
करमौनी और बारी पंचायत जाने वाले मार्ग के किनारे स्थित दुकानों में तो कीमत और भी ज्यादा पाई गई। यहां डीएपी 1850 रुपये और यूरिया 370 रुपये तक बताया गया। दुकानदारों ने यह भी कहा कि “दूरी और अधिक खरीद पर 10 रुपये तक की छूट दे देंगे,” जो कालाबाजारी की पुष्टि करता है।
अधिकांश दुकानों पर नहीं था बोर्ड
निरीक्षण के दौरान एक महिला किसान डीएपी की बोरी लेकर दुकान से बाहर निकलती दिखी। नाम न छापने की शर्त पर उसने बताया—“सभी दुकानों में यही रेट है। रबी फसल के लिए डीएपी जरूरी है, इसलिए 1850 रुपये देकर खरीदना पड़ रहा है।”
चौंकाने वाली बात यह रही कि अधिकांश दुकानों पर न बोर्ड था, न स्टॉक रजिस्टर का कोई रिकॉर्ड। जब पत्रकार ने खुलकर दुकानदारों से सवाल किया तो एक दुकानदार ने बेझिझक कहा—“ज्यादा मात्रा में नहीं बेचेंगे, नहीं तो सबको कैसे देंगे। खाद उठाने से लेकर बेचने तक नाजायज खर्च लगता है, इसलिए सरकारी मूल्य पर बेचना संभव नहीं है।”
दुकानदार मनमानी कीमत वसूल रहे
किसानों का कहना है कि धान के मौसम में जहां यूरिया की मांग अधिक रहती है, वहीं रबी सीजन में डीएपी की जरूरत बढ़ जाती है। इस समय मांग का फायदा उठा कर दुकानदार मनमानी कीमत वसूल रहे हैं।
इधर प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजकुमार ने कहा कि सभी खाद दुकानों की विस्तृत जांच की जाएगी और अनियमितता मिली तो कड़ी कार्रवाई होगी। वहीं प्रखंड उर्वरक समिति की अध्यक्ष एवं प्रखंड प्रमुख सुनीता देवी ने पत्रकार द्वारा की गई वास्तविक जांच को सही ठहराते हुए संबंधित दुकानदारों को तत्काल सुधार लाने की चेतावनी दी।
उन्होंने स्पष्ट कहा—“मनमानी बंद नहीं हुई तो लाइसेंस तक रद करने की कार्रवाई होगी।”

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