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    गयाजी के सूरजमंडल चेकपोस्ट की बदहाली, करोड़ों का राजस्व देने वाला केंद्र लेकिन बुनियादी सुविधाएं ध्वस्त

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 08:41 AM (IST)

    गयाजी स्थित सूरजमंडल चेकपोस्ट, जो सरकार को करोड़ों का राजस्व देता है, बदहाली का शिकार है। कर्मचारियों को खतरनाक माहौल में काम करना पड़ रहा है। रात में ...और पढ़ें

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    लाइटें खराब, ट्रॉली टूटी, शौचालय जर्जर

    संवाद सूत्र, डोभी(गयाजी)। गयाजी स्थित समेकित जांच चौकी सूरजमंडल, जो प्रतिमाह सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देती है, इन दिनों बदहाली का प्रतीक बन चुकी है। प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण चेकपोस्टों में शामिल इस केंद्र की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि कर्मचारियों को रोजाना खतरनाक और अव्यवस्थित माहौल में काम करना पड़ रहा है।

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    रात के समय सुरक्षा और जांच के लिए लगाए गए लाइट सिस्टम का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह ठप पड़ चुका है। कई लाइटें महीनों से खराब हैं, जिसके कारण पूरे चेकपोस्ट का संचालन सिर्फ कुछ गिनी-चुनी लाइटों के सहारे हो रहा है।

    अंधेरे में जांच के दौरान कर्मियों को बड़ी जोखिम उठानी पड़ती है। इसी प्रकार वाहनों को रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्राली भी टूट चुकी है। मजबूरी में कर्मचारी अस्थायी तौर पर लाइट के खंभे का उपयोग कर वाहनों को रोकते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।

    चेकपोस्ट का संचालन उत्पाद विभाग के जिम्मे है, और इंस्पेक्टर रामप्रीती कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यहां उत्पाद विभाग के साथ-साथ परिवहन और वन विभाग भी अपने-अपने कार्य करते हैं।

    परिवहन विभाग की ओर से यहां से हर महीने भारी राजस्व वसूला जाता है, लेकिन इसके बावजूद चेकपोस्ट की देखरेख में घोर लापरवाही उजागर हो रही है।

    डिवाइडर पर बने कई कियोस्क अब जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। कई कियोस्क टूट कर अपने मूल स्वरूप से बाहर हो गए हैं जिसकी वजह से कर्मचारियों को आवश्यक सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।

    चेकपोस्ट परिसर में स्थित शौचालय और स्नानागार की स्थिति और भी चिंताजनक है। गंदगी और खराब संरचना के कारण कर्मियों के लिए उनका उपयोग करना मुश्किल हो गया है।

    पानी की सुविधा भी सीमित है, जिससे रात की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी सबसे अधिक परेशान रहते हैं।

    नोडल अधिकारी रामप्रीती कुमार ने बताया कि लाइट व्यवस्था को पूरी तरह दुरुस्त करने में करोड़ों रुपये का खर्च आएगा, जिसे विभागीय प्रस्ताव के रूप में भेजा गया है।

    वहीं ट्राली, कियोस्क मरम्मत, शौचालय सुधार और साफ-सफाई को लेकर भी उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर दिया गया है।

    कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण राजस्व केंद्रों में शामिल सूरजमंडल चेकपोस्ट की ऐसी स्थिति सरकार की छवि पर सवाल खड़ा करती है।

    वे मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द चेकपोस्ट को सुधारकर सुचारु और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित किया जाए।