छह दिनों तक घर में पड़ा रहा शव, किस कारण घर के लोगों को करना पड़ा ऐसा? हैरान करनेवाली है गया की घटना
गया जिले में एक परिवार ने बुजुर्ग की मौत के बाद छह दिनों तक उनका शव घर में ही रखा। इसका कारण शादी को बताया गया। दुर्गंध से आसपास के लोग परेशान हो गए थे। छह दिनों बाद उनकी अंत्येष्टि की गई।

इसी घर में रखा गया था बुजुर्ग का शव। जागरण
जागरण संवाददाता, गयाजी। शहर के वार्ड संख्या 45 स्थित माली बगीचा मोहल्ला बुधवार को चर्चा का केंद्र बना रहा। जब मोहल्लेवासी छह दिनों तक एक वृद्ध का शहर के घर में पड़े रहने की जानकारी से हैरान रह गए।
अरवल जिले के मूल निवासी माली बगीचा में रहनेवाले राम शयन शर्मा का निधन 20 नवंबर को हो गया था। लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों और रीति-रिवाजों के कारण उनका अंतिम संस्कार समय पर नहीं किया गया।
राम शयन शर्मा की तीन बेटियों पूनम देवी, पुष्पा देवी और पूजा देवी है। जिसमें दो बेटी पूनम देवी और पूजा देवी शहर में रहती हैं। उनका कोई पुत्र नहीं है।
नाती की शादी के कारण हुई समस्या
इस कारण अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी बेटियों और दामादों पर ही थी। बड़ी बेटी पूनम देवी ने बताया कि 24 नवंबर को नाती की शादी थी।
हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किसी घर में मृत्यु होने पर सूतक लग जाता है। जिससे शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य बाधित हो जाते है।
पूनम देवी ने कहा कि कई पुरोहितों से सलाह ली। पुरोहितों ने बताया कि यदि मृत्यु के तुरंत बाद अंतिम संस्कार किया गया तो घर में सूतक लग जाएगा और शादी का आयोजन प्रभावित होगा।
इसी कारण परिवार ने निर्णय लिया कि शादी संपन्न होने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसी वजह से शहर छह दिनों तक घर रखा रहा। इस दौरान मोहल्ले में मामला चर्चा का विषय बना रहा।
दुर्गंध से आसपास के लोग हो गए परेशान
मोहल्ले का लोगों ने बताया कि छह दिनों तक शव पड़े रहने से घर और आसपास के क्षेत्र में तेज दुर्गंध फैलने लगी थी। दुर्गंध के कारण लोगों का अपने घरों में रहना भी मुश्किल हो गया था।
इसके बावजूद परिवार ने धार्मिक परामर्श के आधार पर अंतिम संस्कार टालने का फैसला लिया। अंतत: 26 नवंबर यानी बुधवार को विष्णुपद श्मशान घाट में स्वजनों द्वारा राम शयन शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया।
अंतिम विदाई के दौरान रिश्चतेदारों एवं परिचितों ने पहुंचकर दिवंगत आत्मा की शांति की लिए प्रार्थना की।

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