Updated: Fri, 05 Sep 2025 05:51 PM (IST)
गयाजी में पितृ पक्ष मेला शुरू हो गया है जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु पिंडदान के लिए आ रहे हैं। इस बार मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिक्षकों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। लगभग 450 शिक्षक यात्री आवासन सहायता केंद्र और पुलिस आवासन में 24 घंटे सेवा देंगे। वे यात्रियों को सही जानकारी मार्गदर्शन और हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।
जागरण संवाददाता, गयाजी। पितृ पक्ष मेले की पवित्र धारा एक बार फिर गयाजी में प्रवाहित हो उठी है। देश-विदेश से श्रद्धालु तीर्थयात्री अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए यहां पहुंच रहे हैं। मेला क्षेत्र में आने वाले इन श्रद्धालुओं के स्वागत और सुविधा के लिए इस बार एक विशेष पहल की गई है। लगभग साढ़े चार सौ शिक्षक यात्री आवासन, सहायता केंद्र और पुलिस आवासन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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तीर्थयात्रियों के आगमन वाला मार्ग रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा और प्रमुख प्रवेश द्वारों के पास सहायता केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर एक प्रधान शिक्षक के साथ दो-दो शिक्षक तैनात रहेंगे, जो तीन पाली में चौबीस घंटे सेवाएं देंगे।
इनका मुख्य कार्य श्रद्धालुओं को सही जानकारी, मार्गदर्शन और हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराना होगा। उनकी मधुर वाणी और विनम्र व्यवहार यात्रियों को आत्मीयता का अनुभव कराएगा।
35 विद्यालयों में बने यात्री आवासन मेला क्षेत्र के 35 विद्यालयों को यात्री आवासन में परिवर्तित किया गया है। यहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है। प्रत्येक आवासन में स्वच्छ शौचालय, पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था, बिजली की रोशनी और साफ-सुथरे कमरे उपलब्ध हैं। आवासन परिसर रात में प्रकाश से जगमगाते रहेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
प्रत्येक आवासन में प्रधानाध्यापक के साथ दो-दो शिक्षक चौबीस घंटे तीन पाली में ड्यूटी करेंगे। उनका काम न केवल यात्रियों का स्वागत करना होगा, बल्कि उनकी हर संभव मदद करना भी रहेगा। आवासन में पहुंचते ही यात्रियों का नाम, पता और अन्य विवरण रजिस्टर पर दर्ज किया जाएगा। यदि कोई यात्री किसी समस्या से जूझ रहा है, तो उसे भी रजिस्टर में अंकित किया जाएगा और समाधान का प्रयास तुरंत किया जाएगा।
धार्मिक कर्मकांड में भी सहयोग आवास से तीर्थयात्री समूह के रूप में विभिन्न वेदी स्थलों पर पिंडदान के लिए जाएंगे। धार्मिक कर्मकांड पूर्ण होने के बाद सभी यात्री वापस आवासन में लौटेंगे। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात शिक्षक यात्रियों की संख्या मिलाएंगे। यदि किसी यात्री के लौटने में विलंब होता है या वह अनुपस्थित पाया जाता है, तो शिक्षक तुरंत जानकारी जुटाकर उसकी स्थिति की पड़ताल करेंगे।
सहायता केंद्रों पर 24 घंटे सेवा रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा के पास बनाए गए सहायता केंद्रों पर तैनात शिक्षक आगंतुक श्रद्धालुओं का स्वागत करेंगे और उन्हें यात्री आवासन तक पहुंचाने के लिए आवश्यक जानकारी देंगे। मेला क्षेत्र के नक्शे, मार्गदर्शन और स्थानीय परिवहन की सुविधा से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों के समय और स्थल की जानकारी तक, हर प्रकार की सहायता प्रदान की जाएगी।
शिक्षकों की सामाजिक भूमिका का उदाहरण यह पहल केवल मेला प्रबंधन की जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं है, बल्कि शिक्षकों की सामाजिक भूमिका का भी एक जीवंत उदाहरण है। आमतौर पर विद्यालयों में ज्ञान का प्रसार करने वाले ये शिक्षक अब मेला के दौरान समाज सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों के ठहराव से लेकर उनके धार्मिक कार्यों के सुचारू संचालन तक, हर कदम पर उनकी सक्रिय भूमिका दिखेगी ।
सुरक्षा और अनुशासन पर विशेष ध्यान पुलिस आवासन में भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जहां वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करेंगे। यात्री समूह के अनुशासन, आवासन परिसर की सुरक्षा और साफ-सफाई पर भी उनकी पैनी नजर रहेगी।
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