पीएम विश्वकर्मा योजना: देश में 30 लाख, बिहार में 1.62 लाख और गया जिले में 3056 लोगों को मिला रोजगार का सहारा
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत गया जिले में 3056 लोगों को ऋण और सहायता राशि मिली है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है। कारपेंटर समुदाय को विशेष रूप से लाभ हुआ है और शहरी क्षेत्रों में योजना का अधिक प्रभाव देखा गया है। जिला उद्योग केंद्र भविष्य में और अधिक लोगों को जोड़ने की योजना बना रहा है।

जागरण संवाददाता, गयाजी। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से देश में 30 लाख, राज्य में 1.62 लाख और और गया जिले में कुल 3056 लाभुकों को इस योजना के तहत ऋण और सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है। यह योजना पिछले साल शुरू हुई थी। इसके बाद तीन चरणों में लाभुकों का चयन कर उन्हें आर्थिक सहायता दी गई।
अब तक जिले के लाभुकों को पहली किस्त में एक लाख रुपये तक की राशि ऋण एवं सहायता के रूप में दी गई है। योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को स्वरोजगार के लिए सशक्त करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।
जिले में योजना का सर्वाधिक लाभ कारपेंटर पेशे से जुड़े लोगों को मिला है। लकड़ी का काम करने वाले कारीगरों ने इस योजना के तहत ऋण पाकर अपने काम को नया आयाम दिया है। इससे उनके कामकाज में आधुनिकता आई है और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हुए हैं।
शहरी क्षेत्र में अधिक लाभ
गयाजी शहर में योजना का लाभ सबसे अधिक लाभुकों को मिला है। शहर में 343 लाभुकों को लाभ मिला है। शहर के कारीगर दिनेश शर्मा, उपेंद्र मिस्त्री आदि ने इसका स्वागत करते हुए कि पहले आर्थिक तंगी के कारण वे अपने हुनर को आगे नहीं पढ़ा पा रहे थे, लेकिन अब सरकारी सहायता से रोजगार के बेहतर अवसर मिला है।
वहीं टिकारी नगर परिषद क्षेत्र में 39, बोधगया नगर परिषद में 32, शेरघाटी नगर परिषद में 16, इमामगंज नगर पंचायत में 23, फतेहपुर नगर पंचायत में 11, वजीरगंज नगर पंचायत में नौ एवं खिजरसराय नगर पंचायत में एक व्यक्ति को लाभ मिला है।
रोजगार से आत्मनिर्भरता की ओर
योजना से जुडकर लाभुक आज अपने पैरों पर खड़ा होकर आत्मनिर्भरता हो रहे है। इस लोग रोजगार का साधन बनाकर न सिर्फ खुद को बल्कि दूसरों को भी काम दे रहे है। इससे जिले में रोजगार का वातावरण विकसित हो रहा है और स्वरोजगार की दिशा में नई संभावनाएं खुली है।
भविष्य की योजना
जिला उद्योग केंद्र प्रबंधक वंदना ने कहा कि आने वाले समय में और अधिक लाभुकों को योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए उद्योग केंद्र लगातार आवेदन प्राप्त कर रहा है। केंद्र का प्रयास है कि जिले के अधिक से अधिक पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को इस योजना से लाभांवित किया जा सके।
किस प्रखंड में कितने लोगों को मिला लाभ?
नाम | संख्या |
---|---|
गयाजी नगर निगम क्षेत्र | 343 |
मोहनपुर | 290 |
नीमचक बथानी | 241 |
बोधगया | 174 |
गुरुआ | 162 |
बाराचट्टी | 160 |
फतेहपुर | 153 |
डोभी | 140 |
बेलागंज | 136 |
शेरघाटी | 127 |
परैया | 108 |
कोंच | 101 |
डुमरिया | 88 |
मानपुर | 85 |
टनकुप्पा | 76 |
खिजरसराय | 70 |
चंदौती | 67 |
अतरी | 63 |
इमामगंज | 63 |
वजीरगंज | 62 |
बांकेबाजार | 55 |
आमस | 48 |
गुरारू | 48 |
टिकारी | 47 |
टिकारी शहरी | 39 |
बोधगया शहरी | 32 |
इमामंगज शहरी | 23 |
मोहड़ा | 18 |
शेरघाटी शहरी | 16 |
फतेहपुर शहरी | 11 |
वजीरगंज शहरी | 09 |
खिजरसराय शहरी | 01 |
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