इंस्पायर अवॉर्ड योजना: छठी से 12वीं के छात्रों के लिए शानदार स्कीम, केंद्र सरकार देगी 10000 रुपये
इंस्पायर अवॉर्ड योजना के तहत छात्रों को नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना में विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए 10000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है। 30 सितंबर तक आवेदन करने की अंतिम तिथि है और शिक्षा विभाग प्रधानाध्यापकों को छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

जागरण संवाददाता, गयाजी। समाज की आम समस्याओं का सरल और कारगर समाधान बताने वाले विद्यार्थी अब केवल अपने विचारों के दम पर पहचान और पुरस्कार दोनों पा सकते हैं। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की महत्वाकांक्षी योजना इंस्पायर अवॉर्ड के तहत नवाचार और मौलिक समाधान सुझाने वाले छात्रों को 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि छात्रों को उनके आइडिया को मॉडल या प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के लिए प्रदान की जाती है।
इस योजना में छठी से बारहवीं कक्षा तक पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अपने स्कूल प्रधानाध्यापक के माध्यम से ई-एमआईएएस पोर्टल पर विचार प्रस्तुत करना होता है। चयनित होने वाले छात्रों को न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उन्हें आगे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपने नवाचार को प्रस्तुत करने का अवसर भी प्राप्त होता है।
9,910 छात्रों को मिला मौका, अब तक केवल 606 ने भेजा विचार
जिले में इस वर्ष 1982 विद्यालयों के लगभग 9,910 छात्र-छात्राओं को नवाचार पर विचार प्रस्तुत करना था। इसके लिए विद्यालय प्रधानाध्यापकों को पंजीकरण कराने के बाद छात्रों के आइडिया आनलाइन भेजने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन ताजा आंकड़े बताते हैं कि अब तक केवल 137 विद्यालयों से 606 विद्यार्थियों के विचार ही पोर्टल पर भेजे जा सके हैं, जबकि एक विद्यालय से पांच विद्यार्थियों का विचार भेजना था।
शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत समग्र शिक्षा के अधिकारी लगातार प्रधानाध्यापकों को प्रेरित कर रहे हैं कि सभी पात्र छात्र-छात्राएं इसमें भाग लें और अंतिम तिथि से पहले अपना विचार भेजें। आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितंबर थी। जिसे बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है।
क्या है इंस्पायर अवॉर्ड योजना?
समग्र शिक्षा के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी रंजन कुमार ने बताया कि इंस्पायर अवॉर्ड भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक विशेष योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि जागृत करना और उन्हें समाज की वास्तविक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए प्रेरित करना है। इंस्पायर अवॉर्ड न सिर्फ बच्चों को प्रोत्साहन देता है, बल्कि उन्हें यह विश्वास भी दिलाता है कि उनका विचार समाज को बदल सकता है। छोटे-छोटे नवाचार भविष्य में बड़े आविष्कारों का आधार बनते हैं।
किस तरह के विचार होंगे चयनित?
इस योजना में ऐसे विचारों को प्राथमिकता दी जाती है जो समाज की किसी वास्तविक समस्या का समाधान प्रस्तुत करें। मौलिक और रचनात्मक हों। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरल व किफायती समाधान सुझाएं।
उदाहरण के तौर पर सस्ती ऊर्जा से चलने वाले उपकरण, खेती और सिंचाई की समस्याओं का हल, दिव्यांगों के लिए सहायक तकनीक, पानी बचाने के सरल उपाय, घरेलू कार्यों को आसान बनाने वाले यंत्र, चयनित विद्यार्थियों को पहले 10,000 रुपये की सहायता से अपने विचार को मॉडल के रूप में तैयार करने का अवसर दिया जाता है।
इसके बाद राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट का चयन किया जाता है और राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने वाले विद्यार्थियों को देशभर के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से मिलने का मौका मिलता है।
पिछली बार के अनुभव
पिछले वर्ष जिले के कई बच्चों ने इस मंच पर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। एक छात्र ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या से निपटने के लिए कम लागत वाला वाटर प्यूरीफायर तैयार किया था। वहीं, एक अन्य छात्रा ने किसानों के लिए स्वचालित खर-पतवार नियंत्रण उपकरण का डिजाइन प्रस्तुत किया था। इन नवाचारों ने राज्य स्तर पर प्रशंसा पाई और बच्चों को आगे बढ़ने का हौसला मिला।
अभी भी समय है, करें नामांकन। शिक्षा विभाग का कहना है कि अभी भी काफी समय शेष है। सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले प्रत्येक पात्र छात्र-छात्रा से कम-से-कम एक विचार जरूर लें और उसे पोर्टल पर अपलोड करें। विभाग का मानना है कि बच्चों के विचारों को महत्व देकर न केवल उनकी रचनात्मकता को सम्मान मिलेगा, बल्कि समाज को भी सरल और उपयोगी समाधान प्राप्त होंगे।
बच्चों के सपनों को मिलेगा पंख
इंस्पायर अवॉर्ड केवल एक पुरस्कार योजना नहीं है, बल्कि यह बच्चों की सोच और कल्पनाशक्ति को उड़ान देने का एक राष्ट्रीय अभियान है। छोटे-छोटे विचार भविष्य के बड़े बदलावों की नींव रख सकते हैं। आज का विद्यार्थी कल का वैज्ञानिक, आविष्कारक और उद्यमी बन सकता है।
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