Gaya News: गया में शिक्षा विभाग का बुरा हाल, 24 में 18 बीईओ की कुर्सी खाली; 4 प्रखंड भगवान भरोसे
Gaya News बिहार के गया जिले में शिक्षा विभाग की हालत खस्ता है। 24 प्रखंडों में से 18 प्रखंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के पद खाली हैं जिससे स्कूलों की निगरानी और शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। शिक्षकों को जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और शिक्षा प्रणाली में सुधार बाधित है। केवल अतिरिक्त प्रभार देकर किसी तरह कोरम पूरा किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, गया। Gaya News: जिले के 24 प्रखंड में 3378 प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय है। जहां करीब सात लाख छात्र -छात्रा नामांकित हैं। जिन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए विद्यार्थियों के संख्या के अनुसार शिक्षक नियुक्त है। सभी विद्यालय का प्रशासन, निरीक्षण एवं पर्यवेक्षक करना होता है। इसकी जिम्मेदारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सौंपी गई है।
लेकिन बीईओ का पद रिक्त रहने के कारण स्कूल की निगरानी नहीं होती । जिसका जबरदस्त प्रभाव बच्चों के पठन-पाठन पर पड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति उत्पन्न है जिले के 24 में 18 प्रखंड में, जहां बीईओ का पद काफी दिनों से रिक्त है। वहीं चार प्रखंड भगवान भरोसे चल रहा है।
जिला मुख्यालय से करीब 90 किमी की दूरी पर स्थित डुमरिया, इमामगंज, बांके बाजार, आमस, शेरघाटी, डोभी,, गुरूआ, परैया, टनकुप्पा, कोंच, खिजरसराय, बेलागंज, बोधगया,चंदौती प्रखंड में बीईओ की कुर्सी खाली हो गई। जिसका स्थाई निदान करने की पहल शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया गया।
केवल अतिरिक्त प्रभार देकर किसी तरह कोरम पूरा किया जा रहा है। डीईओ कार्यालय में कार्यरत कई डीपीओ को बीईओ के अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। लेकिन दूरी के वजह नियमित विद्यालय का जायजा लेने नहीं जाते। जिसके कारण विद्यालय संबंधित कार्य को लेकर शिक्षकों को जिला मुख्यालय आना पड़ता है। जो उन्हें काफी महंगा पड़ता है।
चार प्रखंड भगवान भरोसे
डीईओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मोहड़ा, बथानी, मानपुर एवं अतरी में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की कुर्सी काफी दिन से खाली है। जिसपर किसी अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार नहीं सौंपा गया है। बीईओ के अभाव में उक्त प्रखंड के शिक्षकों को काफी परेशानी उठाने पड़ते हैं।
विद्यालय से संबंधित किसी कार्य को कराने के लिए डीईओ कार्यालय ही जाना पड़ता है। यहां के शिक्षकों ने बीईओ के रिक्त पद को भरने के लिए काफी दिन से शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से कह रहे हैं। लेकिन निराकरण करने की पहल नहीं की जा रही है।
बिहार स्टेट टीचर्स एसोसिएशन गोपगुट के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार का कहना है कि बीईओ का पद रिक्त रहने से शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है। शैक्षिक गुणवत्ता और बुनियादी सुविधाओं का मूल्यांकन नहीं हो रहा है। शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए शिक्षकों के साथ बीईओ का समन्वय नहीं हो रहा है। जिसका प्रभाव शिक्षा पर जबरदस्त पड़ रहा है।
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