गयाः वजीरगंज में एक ऐसी एजेंसी जिसकी क्षमता एक किमी सड़क बनाने की भी नहीं, बोर्ड और सड़क की तस्वीरें देख चौंक जायेंगे
कारी पंचायत अंतर्गत भूरा से मिलकी सड़क का निर्माण कार्य वर्ष 2019 में शुरू हुआ था ।कार्य प्रारंभ होने के तीसरे वर्ष में भी अभी तक कार्य अधूरा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय बिहार सरकार के सौजन्य से मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिली है।

संवाद सूत्र, वजीरगंजः गया जिले के वजीरगंज प्रखंड के कारी पंचायत अंतर्गत भूरा से मिलकी सड़क का निर्माण कार्य वर्ष 2019 में शुरू हुआ था ।कार्य प्रारंभ होने के तीसरे वर्ष में भी अभी तक कार्य अधूरा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय बिहार सरकार के सौजन्य से मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिली है। इसके कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंता है । स्थल पर लगे बोर्ड के अनुसार इस पथ की लंबाई मात्र ढाई किलो मीटर है तथा इसकी प्राकलित राशि 95 लाख 43 हजार है ।
एजेंसी की क्षमता एक किलोमीटर सड़क बनाने की भी नहीं
सड़क में अभी तक बोल्डर और मौरंग बिछाकर उसके समतलीकरण से आगे का काम दिखाई नहीं देता है । एजेंसी की कार्यशैली बताती है कि इनके पास प्रतिवर्ष एक किलोमीटर सड़क बनाने की भी क्षमता नहीं है। इसे एजेंसी की लापरवाही कहें या फिर संवेदक की मनमानी, लेकिन सड़क निर्माण कार्य अधूरा रहने से ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। इस सड़क के निर्माण हो जाने से मिल्की, घनश्यामपुर ,पहाड़पुर सहित अन्य कई गांव के लोगों का आवागमन सुगम हो जाता, लेकिन यहां तो कोई इसके देखन हार भी नहीं है।
कार्य पूरा नहीं पर समाप्ति का बोर्ड लगा
यद्यपि सड़क बनी भले नहीं है लेकिन स्थल पर इस सड़क का निर्माण कार्य 18 सितंबर 2021 को ही पूरा होकर कार्य समाप्ति का बोर्ड भी लगा दिया गया है । इससे प्रतीत होता है कि ग्रामीण कार्य विभाग के फाइलों में इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है ।सड़क निर्माण के बाद संवेदक को इसके अनुरक्षण की भी जिम्मेदारी है, जिसकी अवधि बोर्ड पर पांच वर्ष तथा प्राकलित राशि 9 लाख 38 हजार अंकित है। अब सवाल उठता है कि वर्ष 2021 में कार्य संपन्न होने का बोर्ड लगा है तब से एक वर्ष अनुरक्षण की अवधि भी समाप्त हो चुकी है ।अब यदि इसके निर्माण कार्य पूरा किया भी जाता है तो क्या अनुरक्षण अवधि को विस्तारित किया जाएगा ,यह एक अहम सवाल है।
जागरण व्यय नहीं करता पुष्टि
वैसे इसकी हम पुष्टि तो नहीं करते कि निर्माण के लिए प्राक्कलित राशि कागजों में व्यय हो चुकी है या नहीं ,लेकिन कुछ अनुभवी बताते हैं कि अर्ध निर्मित सड़कों को फाइलों में कार्य पूरा दिखाकर राशि व्यय कर दी जाती है और साल दो साल बाद उसे स्थल पर कार्य रूप में लाकर उसी तिथि के अनुरक्षण अवधि की चोरी कर ली जाती है। मामला चाहे जो भी हो लेकिन सड़क निर्माण नहीं होने से क्षेत्र के ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
अधिकारियों से कई बार की गई शिकायत
पंचायत की मुखिया रेखा देवी बताती हैं कि सड़क के अधूरे निर्माण कार्य की शिकायत पत्र विभाग के संबंधित अधिकारी को कई बार दिया गया है ,लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। सड़क नहीं बनने से पंचायत क्षेत्र के कई गांव के लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है ।
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