गया में सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद, किसानों ने लगाई मुआवजे और KCC लोन माफी की गुहार
गया जिले के डोभी प्रखंड में भारी बारिश के कारण सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद हो गई है, जिससे किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकारी आंकड़े वास्तविकता से अलग हैं और उन्हें तत्काल मदद की ज़रूरत है। उन्होंने सरकार से केसीसी लोन माफ करने और महिला किसानों को प्रोत्साहित करने की भी अपील की है। कृषि विभाग ने नुकसान का आकलन कर सूचना भेज दी है।

सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद
संवाद सूत्र,डोभी। प्रखंड में धान के फसल के हुए नुकसान को लेकर किसान अब मुखर होकर सरकार से मुआवजे की मांग करने लगे है। प्रखंड के बारह पंचायत और एक नगर पंचायत में सैकड़ों हेक्टेयर खेत में लगा धान का फसल खराब हो गया। प्राकृतिक आपदा के मार किसानों को झेलना पड़ रहा है।
सरकारी आंकड़ा के अनुसार इस बार सभी पंचायतों को मिलाकर 158.68 हेक्टेयर जमीन पर लगा धान खराब हुआ है जबकि हकीकत कुछ और दिख रहा है। किसान फसल मुआवजे की मांग करने लगे है।
धान को काटकर खेत में रखा
किसान रेणु देवी ने कहा कि धान को काटकर खेत में रखा गया। वर्षा होने के कारण धान में अंकुरण हो गया। जिससे यह बर्बाद हो गया। घर की पूंजी भी डूब गई। अगले फसल को लगाने के लिए पैसा का अभाव है।
किसान सुधा देवी ने कहा कि सरकार को तुरंत हम गरीब किसानों को इसका मुआवजा दे देना चाहिए जिससे कि हम सभी पुनः अन्य फसल लगाने के लिए गांव के जमींदारों से कर्ज लेने से बच सकें। प्राकृतिक मार से कई बार जमीन बेचकर कर्ज उतराना होता है।
लोन माफ करने की अपील
किसान बृजनंदन महतो ने कहा कि सरकार को किसानों का केसीसी लोन अविलंब माफ कर देना चाहिए। बीज को अनुदान के जगह पर ऑनलाइन करते ही बगैर पैसे का उपलब्ध कर देना चाहिए। देश का रीढ़ कहे जाने वाला कृषि के क्षेत्र में मदद देर से और काफी कम होती है जिसका प्रभाव खेती पर पड़ता है।
किसान किरण देवी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में महिला आगे आ रही है परंतु सरकार को भी चाहिए कि महिला किसान को प्रोत्साहन के लिए अन्य प्रकार के स्कीम चलाए। अब महिलाएं घर से लेकर खेत तक संभाल रही है। धान के बर्बादी को देखते हुए मुआवजा जल्द दिया जाए।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजकुमार ने बताया कि नुकसान का आकलन करवाया जा चुका है। विभाग को इसकी सूचना दे दिया गया है।

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