Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दून एक्सप्रेस से 102 जिंदा कछुओं की बड़ी खेप बरामद, अंतरराज्यीय तस्करी का अंदेशा

    By subhas kumarEdited By: Radha Krishna
    Updated: Fri, 19 Dec 2025 11:14 AM (IST)

    गया जंक्शन पर आरपीएफ ने दून एक्सप्रेस से 102 जिंदा कछुओं की खेप बरामद की, जिनकी कीमत 51 लाख रुपये आंकी गई है। रेलवे सुरक्षा बल ने वन्यजीव तस्करी के खि ...और पढ़ें

    Hero Image

    दून एक्सप्रेस से 102 जिंदा कछुओं की बड़ी खेप बरामद

    जागरण संवाददाता, गयाजी। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने वन्यजीव तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन विलेप के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। गया जंक्शन पर गश्त के दौरान आरपीएफ की संयुक्त टीम ने दून एक्सप्रेस से 102 जिंदा कछुओं की खेप बरामद की है। बरामद किए गए सभी कछुओं को सुरक्षित रूप से वन विभाग को सौंप दिया गया है। इन कछुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 51 लाख रुपये आंकी जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह कार्रवाई गुरुवार की रात करीब 10:30 बजे की है। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर आरपीएफ पोस्ट गया के निरीक्षक प्रभारी बनारसी यादव और अपराध आसूचना शाखा गया के निरीक्षक चंदन कुमार के नेतृत्व में रेलवे स्टेशन परिसर में संयुक्त गश्त की जा रही थी। इसी दौरान प्लेटफार्म संख्या तीन पर खड़ी ट्रेन संख्या 13010 दून एक्सप्रेस के कोच एस-3 की सघन जांच की गई।

    जांच के दौरान कोच में रखे पांच पिठू बैग और एक झोला संदिग्ध अवस्था में पाए गए। जब आरपीएफ टीम ने इन बैगों को खोलकर देखा तो उनमें कुल 102 जिंदा कछुए मिले। इसके बाद टीम ने कोच में मौजूद यात्रियों से पूछताछ की, लेकिन किसी भी यात्री ने इन बैगों पर अपना दावा नहीं किया। स्थिति को देखते हुए आरपीएफ ने सभी बैगों को जब्त कर कछुओं को सुरक्षित रूप से आरपीएफ पोस्ट गया लाया।

    आरपीएफ के निरीक्षक प्रभारी बनारसी यादव ने बताया कि कछुआ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित प्रजाति है और इसकी तस्करी गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है। प्रारंभिक जांच में यह मामला अंतरराज्यीय वन्यजीव तस्करी से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि तस्कर अक्सर रेल मार्ग का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि इसमें निगरानी से बचने की कोशिश की जाती है, लेकिन आरपीएफ की सतर्कता से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया।

    घटना की सूचना तुरंत गया वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की रेंज अधिकारी आरती कुमारी आरपीएफ पोस्ट पहुंचीं। आवश्यक औपचारिकताओं के बाद सभी 102 जिंदा कछुओं को संरक्षण और आगे की कार्रवाई के लिए वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया। वन विभाग की ओर से कछुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने और उनके स्वास्थ्य परीक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई है।

    इस संयुक्त कार्रवाई में आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक पवन कुमार, सहायक निरीक्षक अनिल कुमार चौधरी, उप निरीक्षक मुकेश कुमार, प्रधान आरक्षी महेश ठाकुर, आरक्षी राकेश कुमार सिंह, अमित कुमार, देवेंद्र प्रसाद, विपिन कुमार सहित सीपीडीएस टीम गया की अहम भूमिका रही। अधिकारियों की तत्परता और टीमवर्क से यह बड़ी खेप पकड़ी जा सकी।

    आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल केवल रेल यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और अवैध तस्करी पर रोक लगाने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस तरह की कार्रवाइयों से तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलती है।

    उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी बीते सोमवार को आरपीएफ ने नेताजी एक्सप्रेस के जनरल कोच से 76 जिंदा कछुओं को बरामद किया था। उस मामले में अज्ञात तस्करों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। लगातार हो रही बरामदगी से यह स्पष्ट है कि रेल मार्ग से वन्यजीव तस्करी का नेटवर्क सक्रिय है, जिस पर आरपीएफ और वन विभाग संयुक्त रूप से कड़ी नजर बनाए हुए हैं।