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    रूस, यूक्रेन और स्पेन से आए विदेशी श्रद्धालुओं ने किया पूर्वजों का पिंडदान, सनातन परंपरा से मिली आत्मिक शांति

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 09:32 AM (IST)

    गयाजी में चल रहा पितृपक्ष मेला अब समाप्ति की ओर है। रूस यूक्रेन और स्पेन से आए लगभग दो दर्जन विदेशियों ने सीता कुंड में पिंडदान किया। बनारस भ्रमण के दौरान उन्हें पितृपक्ष मेला और पिंडदान के महत्व के बारे में पता चला। जिसके बाद उन्होंने आचार्य माघव और आचार्य अभिनव शंकर के नेतृत्व में पिंडदान किया। पिंडदान करने वाले विदेशियों ने कहा कि उन्हें शांति मिली है।

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    विदेशी श्रद्धालुओं ने किया पूर्वजों का पिंडदान

    जागरण संवाददाता,गयाजी। गयाजी में पखवाड़े भर चलने वाला पितृपक्ष मेला अपने समापन की ओर है। इस दौरान न केवल देशभर से बल्कि विदेशों से भी पिंडदानी यहां पहुंचकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे हैं।

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    बुधवार को रूस, यूक्रेन और स्पेन से आए करीब दो दर्जन विदेशी पिंडदानियों ने सीता कुंड में पूरे विधि-विधान के साथ पिंडदान किया। इन विदेशी पिंडदानी को बनारस भ्रमण के दौरान एक आश्रम में पितृपक्ष मेला और पिंडदान की महत्ता की जानकारी मिली थी। इसके बाद इन्होंने गूगल पर विस्तृत जानकारी हासिल की और स्वयं भी इस अनुष्ठान में भाग लेने का निर्णय लिया।

    आश्रम से जुड़े लोगों ने गयाजी के पितृ कल्याण सेवा शिविर से संपर्क किया, जिसके बाद आचार्य माघव (मुन्ना जी) और आचार्य अभिनव शंकर की अगुवाई में विधिवत पिंडदान संपन्न कराया गया। सभी विदेशी पिंडदानी शाकाहारी थे और भगवान शिव में विशेष आस्था रखते हैं। वे रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए थे।

    अनुष्ठान के दौरान दुभाषिक की मदद से मंत्रोच्चारण कराया गया। पिंडदान करने वालों में दियाना, एवगेनिया, ओलगा, अलेक्सी, वेलेन्टीना और सोफिया शामिल थीं। इन्होंने कर्मकांड के बाद कहा कि उन्हें भीतर से गहरी शांति और सुकून का अनुभव हुआ।

    श्रद्धालुओं ने भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि अपने देश लौटकर वे न केवल पितृपक्ष की महिमा बताएंगे, बल्कि अन्य लोगों को भी गयाजी आकर पिंडदान करने के लिए प्रेरित करेंगे।