बोधगया में बाढ़ के पानी से कई सड़क क्षतिग्रस्त, दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन हुआ प्रभावित
मुहाने नदी में जलस्तर बढ़ने से कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ के पानी के कारण किसानों के खेतों में लगी फसल व सब्जियां बर्बाद हो गई है। छाछ बतसपुर और घुंघरिया गांव में बाढ़ का पानी घुसने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

संवाद सूत्र.बोधगया। बिहार व झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में लगातार दो दिनों से हो रही वर्षा के कारण मुहाने नदी और निरंजना नदी उफान पर है। मुहाने नदी में जल स्तर बढ़ने से कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ के पानी के कारण किसानों के खेतों में लगी फसल व सब्जियां बर्बाद हो गई है। छाछ, बतसपुर और घुंघरिया गांव में बाढ़ की पानी घुसने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
बतसपुर गांव के एक टोले में रहने वाले कुछ महादलित परिवार अब भी वहां फंसे हुए हैं, ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार से लगातार हो रही बारिश के कारण हमलोगों की परेशानी एक बार फिर बढ़ गई है। स्थिति है कि टोले में अधिक बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण गांव के रामदेव मांझी, झबर मांझी और कारू मांझी अब भी फंसे हुए है, इसके अलावा बतसपुर छाछ में कई जगह सड़कें भी टूट गई है। सड़क टूटने के कारण लगभग दो दर्जन गांव के लोगों का आवागमन बाधित हों गया है। मंगलवार की रात नदी में बाढ़ आने के बाद पूरे गांव में पानी भर आया।
बुधवार को बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने गए सदर एसडीओ किसलय श्रीवास्तव बोधगया पहुंचे और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया, इस दौरान बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ को सूचित किया। मौके पर एसडीआरएफ का एक दल बोधगया पहुंचा और बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बाहर निकाला।
क्या है ग्रामीणों की मांग
बाढ़ से पीड़ित बतसपुर के ग्रामीणों ने बताया कि नदी में बनाए गए डैम के प्रेशर से मोराटाल पैन में पानी भर जाता है, जिसके कारण बार बार हमलोग के गांव में पानी प्रवेश कर जाता है। ग्रामीणों ने मांग किया है कि बनाए गए डैम के पहले अगर एक और डैम का निर्माण हो जाएगी, तो बाढ़ का पानी गांव में नहीं प्रवेश करेगा।
प्रगति यात्रा के दौरान सीएम इस गांव का कर चुके है दौरा
बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इस गांव में पहुंचे थे। भरे मंच से उन्हेंने इस गांव का विकास करने का आश्वासन दिया था और पुल के पहले नदी में एक और बांध बनवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक इस नदी पर बांध नहीं बना।
दो दिन से हो रही लगातार वर्षा से दर्जनों कच्चे घर गिरे, पुल बहा और जनजीवन अस्त व्यस्त
नगर परिषद शेरघाटी के पलकिया फतेहपुर और शेरपुर जाने वाली सड़क पर पलकिया पाइप फैक्ट्री के पास अंग्रेज जमाने का बना पुल मंगलवार की रात्रि बह गया। उल्लेखनीय हो कि तीन गांवों को जोड़ने वाली सड़क के बीच बना यह पुल रात भर हुई बारिश के बाद बह गया। वहीं दूसरी ओर शेरघाटी के बुढ़िया नदी के किनारे बसे दर्जनों लोगों के घरों में पानी भर गया है।
नदी के किनारे बसे दलित लोगों ने बताया कि हम लोगों के पास ना जगह है ना जमीन है। किसी प्रकार बुढ़िया नदी के किनारे मिट्टी का मकान बनाकर रह रहे थे। मंगलवार को रुक-रुककर दिन भर हुई बारिश के बाद नदी में जलस्तर बढ़ गया। रात्रि में बढ़ते जलस्तर को देखकर घर बार छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। लेकिन अब वे कहां रहेंगे। इस बात की चिंता है।
नदी किनारे बसे करीब 30 घर में पानी भर गया। जिसके कारण लोग घर से बेघर हो गए हैं। पीड़ितों ने बताया कि इनके पास खाने के लिए अनाज तक नहीं बचा। बाल बच्चों को रहने से खाने तक की चिंता सता रही है। इसी प्रकार की चिंता समोद बीघा और कठार गांव में नदी किनारे बसे लोगों की है। इधर ग्राम चिलिम टोला पथलकट्टी गांव में छोटन मांझी, कमलेश मांझी, सदावृक्ष मांझी, सभी पिता जतन मांझी, राम दहिन मांझी, टेनी मांझी, मोती मांझी, कपिल मांझी, सुनील मांझी, अनिल मांझी, उषा देवी, एवं विजय मांझी का कच्चा मिट्टी का घर गिर गया है।
जीविका दीदी सह जागरण पंचायत क्लब चिलिम के सचिव ममता कुमारी अपने टीम के साथ बुधवार से राहत एवं बचाव कार्य में जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सभी ग्रामीणों को आवेदन लिखकर अंचल कार्यालय भेजा गया है। उनके पास रोटी, कपड़ा और मकान की समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीण कहते हैं कि घर का सारा सामान पानी में बह गया या खराब हो गया।
उप प्रमुख लाल बहादुर शास्त्री ने बताया सोनेखाप गांव में भी आधा दर्जन घर में पानी भर गया है। जिसे निकलवाया जा रहा है। इधर नदी किनारे बसे लोगों ने बताया कि पालने के लिए जानवर भी रखे थे । किसी प्रकार बाहर निकाला। अब ना घर है ना खाने के लिए रोटी और न पहनने के लिए कपड़ा।
अचानक हुई अतिवृष्टि से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ितों ने अंचल अधिकारी से तत्काल राहत और बचाव का मांग किया है। अंचल अधिकारी उषा कुमारी ने बताया कि संज्ञान में आने के बाद स्थल निरीक्षण किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार पीड़ितों को सहायता दी जाएगी।
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