झारखंड में भारी बारिश के बाद बोधगया के कई गांव में घुसा पानी, बाढ़ पीड़ितों ने किया रोडजाम
गया में मुहाने नदी में भारी बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से बोधगया प्रखंड के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बसाढ़ी सिलौंजा बतसपुर समेत कई गांवों में पानी घुस गया है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। डीएम शशांक शुभंकर ने सिलौंजा गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। प्रभावितों को सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, गया। झारखंड राज्य के पहाड़ी इलाकों में गुरुवार की रात हुई भारी बारिश के कारण मुहाने नदी उफान पर है। नदी के जलस्तर में शुक्रवार की दोपहर बाद से अचानक तेजी से बढ़ोतरी के कारण बोधगया प्रखंड के कुछ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए।
मुहाने नदी का पानी बोधगया के बसाढ़ी, सिलौंजा, बतसपुर, घोंघरिया और मोराटाल गांव में घुस चुका है। जिससे कुछ घरों में पानी आ गया है। कुछ दिन पहले भी इन गांव में बारिश का पानी आ गया था।
सड़के कट गई थी जिसके बाद प्रशासन ने बाढ़ के पानी को रोकने का आश्वासन दिया था। आज बाढ़ पीड़ित गांव के लोगों ने सड़क जामकर प्रशासन के विरुद्ध अपनी नाराजगी जताई।
डीएम ने लिया जायजा
मुहाने नदी का जलस्तर बढ़ने से कुछ गांवों में पानी के घुसने की सूचना मिलने के बाद देर रात डीएम शशांक शुभंकर बोधगया के सिलौंजा गांव पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
लोगों को समस्याओं का करना पड़ रहा सामना।
स्थानीय लोगों से बातचीत कर हालात का आकलन किया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को अहम निर्देश दिए।
डीएम देर रात अपने उपस्थिति में सिलौजा नदी पास फंसे 02 लोगों को रस्सी के सहारे रेस्क्यू किया गया, दोनों ग्रामीण को पूरी तरह सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा डीएम ने अपर समाहर्ता आपदा को निर्देश दिया है इन गांव के जरूरतमंदों के बीच पोलोथिन शीट का वितरण करवाये।
इसके अलावा शेरघाटी अनुमण्डल क्षेत्र के मोहनपुर बघलती गांव में बारिश के पानी मे फसे 2 ग्रामीणों एवं 10 की संख्या में मवेशियों को अनुमण्डल पदाधिकारी शेरघाटी के उपस्थिति में सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।
उग्र हुए लोग। (जागरण फोटो)
डीएम ने सभी अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को निर्देश दिया है अपने क्षेत्र में जल स्तर की पूरी निगरानी रखेंगे। नदी क्षेत्र के निचले एरिया में रहने वालों पर पूरी निगरानी रखवाए।
यदि जल स्तर में बढ़ोतरी होती है, तो उन्हें किसी उचे स्थान या सुरक्षित स्थानों पर भेजने की व्यवस्था रखे। जरूरत पड़ने पर सामुदायिक किचन की भी व्यवस्था शुरू करवाने का निर्देश दिए हैं।
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