विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने बराबर दर्ज कराई अपनी उपस्थिति
बाराचट्टी विधान सभा चुनाव के दौरान प्रतिबंधित नक्सली संगठन अपने धमाके का एहसास कर वोट बहिष्कार का एलान कर मतदाताओं को वोट देने से रोकने का प्रयास करते रहें है। वर्ष 2015 से इस एलान पर सैनिक बलों का क्षेत्र में कई जगहों पर कैंप होने के कारण और लगातार सर्च ऑपरेशन होने के बाद मतदाताओं में वोट देने की सक्रियता बढ़ी है।

बाराचट्टी : विधान सभा चुनाव के दौरान प्रतिबंधित नक्सली संगठन अपने धमाके का एहसास कर वोट बहिष्कार का एलान कर मतदाताओं को वोट देने से रोकने का प्रयास करते रहें है। वर्ष 2015 से इस एलान पर सैनिक बलों का क्षेत्र में कई जगहों पर कैंप होने के कारण और लगातार सर्च ऑपरेशन होने के बाद मतदाताओं में वोट देने की सक्रियता बढ़ी है। लेकिन इस चुनाव के दो माह पूर्व से धनगांई थाना क्षेत्र के कुम्भी-तिलेटाड के जगलों में माओवादीयों के बिछाए गए केन बम से बिहार-झारखंड के सीमा पर कई धमाके हुए। जो इनके प्रभावी उपस्थिति का एहसास ग्रामीणों के बीच करा गई है। पुलिस प्रशासन को शांति पूर्वक चुनाव कराने की चुनौती है। बिहार-झारखंड सीमा क्षेत्र से सटे जंगलों में नक्सलियों का ठहराव की सूचना पर आए दिन कोबरा 205,एसएसबी,सीआरपीएफ के जवानों और पदाधिकारियों ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। बढ़ी है नक्सली संगठनों की गतिविधियां बाराचटटी - धनगांई थाना क्षेत्र के दक्षिणी इलाके में बिहार विधान सभा चुनाव की घोषणा होते ही प्रतिबंधित नक्सली संगठनों की गतिविधि बढी है वही पुलिस भी इस सूचना का जूटा पाने में पीछे नही है। नक्सलियों का टीम जैसे ही बिहार के इलाके में प्रवेश कर रही है पुलिस को इस बात की सूचना मिल रही है। जंगलो में नक्सलियों के विरोध में छापेमारी तेज कर दिया जाता है। बिहार-झारखंड सीमा क्षेत्र पर सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन तैयार बिहार-झारखंड सीमा पर विधान सभा चुनाव को शांति पूर्ण और भयमुक्त सम्पन्न कराने के लिए पुलिस-प्रशासन पूर्ण रूप से तैयार हो गई है। विभागीय सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए बीते दिनों दोनो राज्यों के सीमावर्ती जिले के पुलिस-प्रशासन के पदाधिकारियों के साथ डोभी में संयुक्त रूप से बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन किया गया कई बिदु पर गंभीरता पूर्वक निर्णय लिए गए है। 2005 में वेकैया नायडू का हेलिकप्टर को माओवादीयों ने जलाया था वर्ष 2005 में जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुलेबटा उच्च विधालय के मैदान में विधान सभा चुनाव के दौरान चुनावी सभा को सम्बोधित कर रहें थें। तो दूसरे तरफ उसी वक्त बाराचटटी थाना क्षेत्र के पडरिया गांव में मध्य विद्यालय के पीछे पीपल पेड के नीचे इंधन खत्म होने के कारण आपात स्थिति में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेकैंया नायडू का हेलिकॉप्टर को उतारना पडा था। बगल में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादीयों का जन अदालत चल रही थी। हेलिकॉप्टर को उतरते ही नक्सली वहां पहुंचे परंतु ग्रामीणों के सहयोग से वेकैंया नायडू तथा दोनो पायलट को सुरक्षित पडरियां से थाना पहुंचाया गया। नक्सलियों ने हेलिकॉप्टर को आग के हवाले कर दिया। उस वक्त बाराचटटी राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा। अब भी विधान सभा चुनाव के दौरान चर्चा में यह बात सामने आती है। एक नजर में विधान सभा चुनाव के दौरान हुए नक्सली घटनाएं वर्ष 2005 में - पडरियां गांव के निकट वेकैंया नायडू को हेलीकॉप्टर को नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के द्वारा जलाया गया था। - गोईठा मीठा गांव के मतदान केन्द्र संख्या 41 पर माओवादी और बीएसएफ के जवानों के बीच जमकर मुठभेंड हुई थी। इस घटना में पुलिस को भारी सफलता मिली
वर्ष 2009-10 में - गोसाई पेसरा प्राथमिक विधालय के भवन में जेसीबी के द्वारा माओवादीयों ने घ्वस्त किया
- उत्क्रमित उच्च विधालय का दो मंजिला भवन को जेसीबी से माओवादीयों ने ध्वस्त किया
- बुनियादी विधालय पतलुका के पुस्तकालय भवन को केन बम लगाकर माओवादी ने ध्वस्त कर दिया
- मध्य विद्यालय हाहेसाडी एंव चोरदाहा के दो मंजिला भवन को जेसीबी मशीन से माओवादी ने ध्वस्त कर दिया था। वर्ष 2015 में - महुआईन से रेवदा जाने वाले रास्ते में पुल के नीचे माओवादी के द्वारा लगाए गए दो केन बम को बरामद किया। पुल को उडाने की योजना को बाराचटटी के पूर्व थानाध्यक्ष अशोक कुमार के पहल एसएसबी ने नाकाम किया
- बीबी पेसरा में हडहा नदी के किनारे स्थित पुल के नीचे माओवादीयों के रखा पांच किलों का केन बम को एसएसबी ने बरामद किया गया था। - कुरमावां-बीबी पेसरा पथ में पुल के नीचे बोरा में बंद माओवादी द्वारा रखा दो केन बम को एसएसबी ने बरामद किया था।

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