अतिक्रमण से महिला गांव के पोखर का अस्तित्व संकट में, आने-जाने में लोगों को हो रही परेशानी, प्रशासन भी मौन
ग्रामीणों के अनुसार वैसे तो सरकारी संकल्पना सभी तरह के जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त रखने की है। फिर भी यदि प्रशासनिक तंत्र इसे अतिक्रमण मुक्त कराने में ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, नुआंव (भभुआ)। प्रखंड के चंडेस पंचायत के महिला गांव का तालाब अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। पोखरे के किनारे और उसके पास से गुजरने वाले रास्ते पर कोई झोपड़ी लगाकर तो कोई नाद रख दिया है। जिससे आने जाने वालों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ता है।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त गांव के उत्तर स्थित पोखरे पर अतिक्रमणकारियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जिससे पोखरे के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। पोखरे के किनारे से गुजरने वाले रास्ते पर भी लोग झोपड़ी लगा कर और पशुओं को खिलाने वाला नाद रखकर अतिक्रमित कर दिए हैं। जिसका खामियाजा उक्त रास्ते से ट्रैक्टरों का निकलना मुश्किल हो गया है।
सबसे अधिक समस्या गांव के उत्तर और पूरब सिवाना में खेत की जोताई करने जाने वाले ट्रैक्टरों को होती है। अतिक्रमणकरियों से कुछ कहने में भी लोग डरते हैं। रास्ते की जमीन पर नाद रखकर लोग पशुओं को सुबह शाम बांधते हैं। इससे राहगीरों को इनके पीछे से होकर आना जाना पड़ता है। पोखरे की जमीन पर एक सामुदायिक भवन भी बना है जो उपेक्षित पड़ा है। एक तरह से कहें तो उसपर भी लोगों का कब्जा है।
भले ही सामुदायिक भवन कैसा भी है लेकिन है तो यह सरकारी भवन जिसका उपयोग निजी लाभ के लिए करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता। ग्रामीणों का कहना है कि पोखरे का अस्तित्व मिटता जा रहा है। कब्जा करने वालों का हौसला दिन प्रतिदिन बढ़ता हीं जा रहा है। अधिकांश ग्रामीण अतिक्रमण की समस्या को लेकर आक्रोशित है।
लोगों का तो यह भी कहना है कि कुछ लोग इन अतिक्रमणकारियों को संरक्षण दे अतिक्रमण करा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार वैसे तो सरकारी संकल्पना सभी तरह के जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त रखने की है। फिर भी यदि प्रशासनिक तंत्र इसे अतिक्रमण मुक्त कराने में अपने को अक्षम पा रहा है तो प्रशासनिक और राजनीतिक पहल द्वारा इस पोखरे को भरवाकर खेल ग्राउंड हीं बना दिया जाए। खेल ग्राउंड बन जाने पर गांव के जो बच्चे खेत और सड़क पर खेलते हैं वे खेल मैदान पर खेलेंगे।

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