सामुदायिक भवन में कभी चलता था स्कूल, अब बना असामाजिक तत्वों का गढ़
डोभी प्रखंड के पुराने डीह में स्थित सामुदायिक भवन जर्जर हालत में है। कभी यहाँ ग्रामीणों की बैठकें होती थीं और प्राथमिक विद्यालय भी चलता था। अब यह भवन अतिक्रमण और गंदगी से भरा है, और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इसकी मरम्मत कराकर इसे फिर से सामुदायिक उपयोग के लायक बनाने की मांग की है, ताकि गांव के विकास में मदद मिल सके।

सामुदायिक भवन में कभी चलता था स्कूल
संवाद सूत्र, डोभी। प्रखंड क्षेत्र के पुराने डीह में स्थित सामुदायिक भवन जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। वर्षों पहले इसे ग्रामीणों की बैठक, सामाजिक कार्यक्रमों और सरकारी योजनाओं से संबंधित गतिविधियों के लिए बनाया गया था, लेकिन देखरेख के अभाव में आज यह भवन अवैध अतिक्रमण का शिकार बन गया है।
स्थिति यह है कि भवन परिसर जानवरों के तबेला में तब्दील होकर अपनी मूल उपयोगिता खो चुका है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इसी भवन में कभी प्राथमिक विद्यालय भी संचालित होता था, जिससे बच्चों की पढ़ाई सहजता से होती थी।
असामाजिक तत्वों का सुरक्षित ठिकाना
विद्यालय के नए भवन में स्थानांतरित हो जाने के बाद पुराने सामुदायिक भवन की उपयोगिता धीरे-धीरे घटती चली गई। मरम्मत न होने के कारण इसकी दीवारें टूटने लगीं, छत से प्लास्टर झड़ने लगा और रात के समय यह जगह असामाजिक तत्वों के लिए भी सुरक्षित ठिकाना बन गई।
भवन के चारों तरफ फैली गंदगी, बने हुए अस्थायी पशु घेराबंदी और आसपास जमा कचरा प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा करता है।आज तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।
मरम्मत की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस भवन का मरम्मती कर इसे फिर से सामुदायिक उपयोग के लायक बनाया जाए ताकि यहां बैठकों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी गतिविधियों का आयोजन हो सके। उनका कहना है कि यदि समय रहते मरम्मत कर दी जाए तो यह भवन गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
नगर प्रशासन इसका अवैध अतिक्रमण हटाने, परिसर की सफाई कराने और भवन को सुरक्षित संरचना के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।

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