दीदी की रसोई: गया के इस अस्पताल में खूब पसंद की जा रही दीदी की रसोई, मरीजों को मिल रहा ताजा व स्वच्छ खाना
गया के शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई को काफी पसंद किया जा रहा है। मरीजों व उनके तीमारदारों को ताजा एवं स्वच्छ भोजन मिलने लगा है। इसकी कीमत भी तय कर दी गई है। इससे मरीजों को सहूलियत हो रही है।

संवाद सहयोगी, शेरघाटी (गया)। गया अनुमंडलीय अस्पताल अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई कारगर होती दिख रही है। यहां गत 23 दिसंबर से जीविका दीदी की रसोई चल रही है। दो पाली में दीदी की रसोई कार्यक्रम के तहत अनुमंडल अस्पताल के मरीजों को भोजन व नाश्ता सही तरीके से मिलना प्रारंभ हो गया है। इसी कड़ी में कई महिलाओं को रोजगार भी मिल गया है।
उल्लेखनीय हो कि गया के जिलाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह के प्रयास और जीविका के द्वारा की गई पहल से दीदी की रसोई के तहत अनुमंडल अस्पताल में अस्पताल में भर्ती मरीज को सरकार के निर्धारित मापदंड के अनुसार भोजन और नाश्ता मुफ्त दिया जा रहा है। वहीं मरीज के तीमारदारों से इसके लिए पैसे लिए जा रहे हैं।
भोजन और नाश्ते का रेट तय
उक्त खाना नाश्ता का भी रेट तय कर दिया गया है ताकि रेट में किसी प्रकार का गड़बड़ी नहीं हो। बताते चलें कि इस भवन का निर्माण 14.74 रु की लागत से 1300 वर्ग फीट में किया गया है। जीविका के द्वारा कैंटीन स्थापित करने के लिए 12.5 लाख के उपकरण एवं कैंटीन की सामग्री दी गई है। इस दीदी की रसोई को नारी शक्ति जीविका संकुल स्तरीय संघ, गोपालपुर की ओर से चलाया जा रहा है। इसमें कुल 9 दीदीयां 2 पाली में कार्य करेंगी। यह प्रात: 7 से सायं 7 बजे तक खुला रहेगा। अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ति मरीजों को इसी कैंटीन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
जिले का दूसरा एेसा कैंटीन
जिलाधिकारी के अनुसार जीविका के द्वारा यह अत्यंत प्रशसनीय कार्य है। मुकेश सासमल , जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि यह जिले का यह दूसरा कैंटीन है। प्रखंड परियोजना प्रबंधक अनुपम ने बताया कि अच्छे कार्य के लिए दीदियां को जीविका के द्वारा अनेक क्षेत्रों अवसर उपलब्ध कराए जाते रहे हैं। दीदियां स्वाबलंबी होने में रुचि दिखा रही हैं। छोटे-छोटे दुकान से लेकर मुर्गी फार्म, खेती, कई हुनर युक्त कार्य के अलावा रसोई के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने लगी है। नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतर कदम माना जा रहा है।
सहज और व्यवस्थित तरीके से परोसती हैं खाना- सिविल सर्जन
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि खाना नाश्ता से मरीज काफी संतुष्ट हैं। हम लोग भी दिया जा रहा खाने नाश्ते की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बहुत ही अच्छे तरीके से जीविका दीदी के द्वारा अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ सरल और सुव्यवस्थित व्यवहार के साथ उन्हें खाना परोसा जाता है। उन्होंने कहा कि जीविका दीदी अगर रसोई का संचालन इसी प्रकार करती रही तो हमें लगता है कि सरकार के द्वारा उठाया गया यह सफल और बेहतर कदम साबित होगा। इस कार्य में गया के जिलाधिकारी द्वारा बहुत ही बड़ा सहयोग प्राप्त हुआ है। जिसके कारण शेरघाटी में दीदी का रसोई प्रारंभ हो सका। सिविल सर्जन गया के लिए ने दीदी की रसोई दीदीयों का उत्साहवर्धन किया।
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