औरंगाबाद में भगवान सूर्य के मंदिर तक पहुंचने को श्रद्धालु नदी पर बना रहे हैं बांस का पुल
नवनिर्मित सूर्य मंदिर सह नवग्रह वन वाटिका के ऊपर दर्जनों गांव के हजारों लोगों की अटूट श्रद्धा है। ग्रामीण प्रतिदिन भगवान सूर्य की आराधना तथा नवग्रह वन वाटिका में प्रातः कालीन स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंचते हैं। श्रद्धालु गहरे बत्तरे नदी को पार कर मंदिर तक पहुंचते हैं।

अंबा (औरंगाबाद), संवाद सूत्र । जब व्यक्ति सिस्टम से हार जाता है, सरकार के प्रति श्रद्धा टूटने लगती है तो निश्चय ही उसके अंदर स्वयं से कुछ करने की प्रेरणा जागृत हो जाती है। आज जब पूरे बिहार में सड़क और पुल पुलिया का जाल बिछाया गया हो और फिर भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग मंदिर तक पहुंचने के लिए नदी पार कर रहे हो तो यह सरकार पर तथा उसके सिस्टम पर गहरी चोट है। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को सूर्य मंदिर पिपरा बगाही साड़ी स्थित बतरे नदी के किनारे दिखा।
नवनिर्मित सूर्य मंदिर सह नवग्रह वन वाटिका के ऊपर दर्जनों गांव के हजारों लोगों की अटूट श्रद्धा है। ग्रामीण प्रतिदिन भगवान सूर्य की आराधना तथा नवग्रह वन वाटिका में प्रातः कालीन स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंचते हैं। श्रद्धालु गहरे बत्तरे नदी को पार कर मंदिर तक पहुंचते हैं। गत दिनों ह्यूम पाइप लगाकर ग्रामीणों ने कच्चे पुल का निर्माण किया था। वर्षा के बाद नदी में आए पानी से कच्चे पुल के ऊपर डाले गए मिट्टी एवं पत्थर के चूर्ण बह गए। ग्रामीण फिर से उस पर मिट्टी और पत्थर का चूर्ण देने से कतरा रहे हैं। आखिरकार पिपरा बगाही तथा अन्य दर्जनों गांव के लोग बांस का पुल बनाने के लिए वहां कार्य प्रारंभ कर दिया है।
बांस का पुल निर्माण होने से श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में सुविधा होगी। स्थानीय लोगों ने बिहार सरकार तथा उनके अधीनस्थ प्रशासकीय अधिकारियों से उक्त स्थल पर पुल निर्माण कराए जाने की मांग की है। पिपरा बगाही गांव के पैक्स अध्यक्ष कुमुद रंजन मिश्र, सत्येंद्र सिंह रंजय सिंह वीरेंद्र सिंह, सांड़ी गांव के अरविंद कुमार अर्जुन प्रजापति समेत अन्य ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से से शीघ्र पुल निर्माण कराए जाने की मांग की है।
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