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बिहार : शहीद के चार साल के बेटे ने जब नन्हे हाथों से दी पिता को मुखाग्नि, देखकर रो पड़ा पूरा गांव

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा आतंकी हमले में शहीद बिहार के जवान संतोष कुमार मिश्रा का पार्थिव शरीर बुधवार कोउनके पैतृक आवास पहुंचा। शहीद के चार साल के बेटे ने पिता को अंतिम विदाई दी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 01:40 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 03:16 PM (IST)
बिहार : शहीद के चार साल के बेटे ने जब नन्हे हाथों से दी पिता को मुखाग्नि, देखकर रो पड़ा पूरा गांव
बिहार : शहीद के चार साल के बेटे ने जब नन्हे हाथों से दी पिता को मुखाग्नि, देखकर रो पड़ा पूरा गांव

गया, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा (Handwara) में हुए आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए बिहार के लाल औरंगाबाद के सीआरपीएफ कॉन्स्टेबल शहीद संतोष कुमार मिश्रा का पार्थिव शरीर विशेष विमान से बुधवार को गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। जहां सीआइएसएफ के अधिकारियों ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। उसके बाद तिरंगे में लिपटा शव औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के देवहारा उनके पैतृक गांव के लिए रवाना हुआ, जहां बुधवार को राजकीय समारोह के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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शव पहुंचने पर पूरा गांव शहीद के अंतिम दर्शन को उमड़ा पड़ा। जिस रास्ते से उनके शव का वाहन लाया जा रहा था सड़क के दोनों ओर काफी संख्या में लोग खड़े थे। भारत मात की जय के जयकारे से पूरा इलाका गूंज रहा था। शहीद संतोष अमर रहें के नारे लग रहे थे। अमर शहीद को पूरे गांव ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। फिर पूरी सम्मान के साथ शहीद संतोष मिश्रा का अंतिम संस्कार किया गया। जब उनके चार साल के बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी, पूरा गांव ये दृश्य देखकर रो पड़ा।

 

हंदवाड़ा आतंकी मुठभेड़ में हुए शहीद

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा इलाके में हुए आतंकी मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए थे, जिसमें बिहार के औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के छोटे से कस्बे देवहरा बाजार निवासी स्वर्गीय जगमोहन मिश्र के सुपुत्र संतोष मिश्रा भी शहीद हो गए थे। बता दें कि नार्थ कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा के एक नाके पर आतंकियों ने हमला कर दिया था जिसका हमारे जवानों ने डटकर जवाब दिया था।

सीआरपीएफ जवान संतोष मिश्रा 92 बटालियन में थे और 2004 में उन्होंने सेना ज्वाइन किया था। तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर रहे संतोष की शादी 2009 में आरा जिले के बजनिया गांव में हुई थी। उनकी पत्नी का नाम दुर्गा देवी है और दोनों का चार साल का एक बेटा आदर्श है,जो देवहरा में ही परिजनों के साथ रहते हैं। शहीद संतोष मिश्रा के बड़े भाई का नाम विजय और छोटे का नाम मंतोष मिश्रा है।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

संतोष की शहादत की खबर गांव में पहुंचते ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहीद संतोष के प्रति गहरा शोक जताते हुए कहा कि शहीद की शहादत को हमारा देश हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा था कि गर्व है कि बिहार के एक सपूत ने आतंकियों से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवा दी। उनकी शहादत को बिहार हमेशा याद रखेगा।


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