कचरे से हर दिन बनेगा 20 टन जैविक खाद
अगस्त महीने से निगम में कचरे से बनने लगेगा जैविक खाद।
स्वच्छ भारत का लोगो
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पेज -5, फोटो-10
अगस्त महीने से निगम को होने लगेगी आय, कृषि विभाग को दिया जाएगा खाद, पर्यावरण संरक्षण की पहल, अभी चार वार्डो के कचरे से हो रहा निर्माण
जागरण संवाददाता, गया : स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम ने गीले कचरा से जैविक खाद बनाने का काम शुरू कर दिया है।
जैविक खाद बनाकर कचरे का निष्पादन किया जा रहा है। निगम अगस्त से प्रत्येक दिन 20 टन जैविक खाद तैयार कर कृषि विभाग को देगा। कचरा से खाद बनाए जाने के दो फायदे होंगे। एक तो जैविक खाद को बढ़ावा, दूसरा पर्यावरण संरक्षण। अभी निगम कार्यालय परिसर में 20 बॉक्स में खाद बनाया जा रहा है। एक माह पहले सभी बॉक्स में कचरा डाला गया है। 15 अगस्त से जैविक खाद निकलने लगेगा।
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ऐसे तैयार किया जाता है खाद
शहर में डोर टू डोर कचरे का उठाव किया जा रहा है। गीले कचरे में फल, सब्जी के छिलके, मांस-मछली एवं रसोई की सामग्री होती है। जैविक खाद के लिए इसी का प्रयोग किया जा रहा है। सफाई पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि कचरे को सीधे प्लांट में लाया जाता है। यहां गीले और सूखे कचरे को अलग कर लिया जाता है। बॉक्स में गीला कचरा डालने के पहले जमीन पर हरा नारियल बिछा दिया जाता है। उस पर थोड़ा गोबर डाला जाता है। उसके बाद तीन-तीन इंच पर गीला कचरा और सूखा पत्ता डाला जाता है। सूखा पत्ता कॉर्बन अधिक बनाता है, जिससे खाद पूरी तरह दानेदार तैयार होता है।
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कैसे बनते हैं जैविक खाद के कीड़े
खाद बनाने के लिए बॉक्स जालीदार बना हुआ है, जिससे हवा का प्रवेश होता रहे। हवा से जैविक खाद के कीड़े तैयार होते हैं। वही कीड़े गीले कचरे को खाते रहते हैं, जिससे खाद बनता है।
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निगम को होगी आय
जैविक खाद बनने से प्रत्येक दिन काफी मात्रा में कचरे का निष्पादन होगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण भी होगा। सूखे कचरे की रीसाइकलिंग की जाएगी। नगर निगम कृषि विभाग को छह रुपये प्रति किलो की दर से प्रत्येक दिन 1.20 लाख रुपये का जैविक खाद देगा। वही केंद्र सरकार द्वारा निगम को डेढ़ रुपये प्रति किलो की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
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जैविक खाद से जो कचरा बन रहा है, वह चार वार्डो का है। कुछ दिनों में सभी वार्डों में प्लांट का निर्माण किया जाएगा। वार्ड में ही कचरे का निष्पादन कर दिया जाएगा, जिससे नगर निगम को कचरे के उठाव में कम पैसे खर्च करना होगा और जैविक खाद से अच्छी आमदनी भी होगी।
ईश्वरचंद शर्मा, नगर आयुक्त
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