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    बिहार की इस यूनिवर्सिटी ने रच दिया इतिहास, NAAC से A++ ग्रेड पाने वाला राज्‍य का पहला विश्वविद्यालय बना

    By alok ranjanEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sun, 11 Jun 2023 11:40 PM (IST)

    Bihar News दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय गया की स्थापना भारतीय संसद द्वारा पारित केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत हुई थी I विश्वविद् ...और पढ़ें

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    NAAC में 'A' ग्रेड पाने वाला बिहार का पहला विश्वविद्यालय बना CUSB

    संवाद सहयोगी, टिकारी: दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) गया अपने नाम अब तक की सबसे बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए 3.58 ग्रेड पाइंट के साथ राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) प्रदत्त ‘ए’ श्रेणी के चुनिन्दा राष्ट्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है।

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    रचा इतिहास

    नैक (NAAC) प्रदत्त ‘ए’ की श्रेणी प्राप्त करने वाला बिहार का पहला विश्वविद्यालय बनकर नया इतिहास बना दिया है। राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के तहत एक स्वायत्त निकाय है जो ग्रेडिंग के साथ उच्च शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन और प्रमाणन एक बहुस्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से संसथान के पाठ्यक्रम, संकाय, बुनियादी ढांचे, शोध व अनुसंधान एवं अन्य मापदंडों के सन्दर्भ में गुणवत्ता के निर्धारित मानकों के आधार पर करता है।

    इस प्रक्रिया के माध्यम से नैक उच्च शिक्षा संस्थानों को श्रेणीबद्ध करते हुए सर्वाधिक ‘ए’ से न्यूनतम ‘सी’ की श्रेणी प्रदान करता है।

    ग्रेड निर्धारण का यह है मानक

    सीजीपीए ग्रेड
    3.51- 4.00 
    3.26-3.50 
    3.01- 3.25 
    2.76-3.00  बी
    2.51-2.75  बी
    2.01- 2.50  बी
    1.51- 2.00  सी
    1.50 या कम             डी

    गौरतलब है कि, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने 2016 में नैक द्वारा मूल्यांकन और प्रमाणन के प्रथम चरण में ‘ए’ ग्रेड प्राप्त किया था I पुनः वर्ष 2022 में कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के नेतृत्त्व और मार्गदर्शन में नैक मूल्यांकन और प्रमाणन के द्वितीय चरण के लिए आवेदन किया गया था।

    कई महीनों तक चले बहुस्तरीय मूल्यांकन एवं पिछले महीने 17 से 19 मई 2023 के बीच नैक टीम के विश्वविद्यालय परिसर एवं संसाधनों के भौतिक निरीक्षण के पश्चात नैक ने विश्वविद्यालय को ए की उच्चतम श्रेणी प्रदान किया है जो संस्थान और बिहार के साथ क्षेत्र के लिए बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धि है I इस उपलब्धि को प्राप्त कर विश्वविद्यालय देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है I

    बिन्दुवार मिलने वाला ग्रेडिंग अंक

    1-पाठ्यचर्या के विविध पक्ष (कोर्स, सेलेबस आदि की जानकारी)

    2- अध्ययन अध्यापन, एवं मूल्यांकन

    3- शोध, नवाचार एवं विस्तार गतिविधियां

    4- अवस्थापना एवं सुविधाएं

    5- छात्रों के सर्वांगीण विकास की व्यवस्थाएं (ट्रेनिंग प्लेसमेंट एवं इसके लिए विभिन्न सुविधाएं)

    6- प्रशासनिक व्यवस्था, नेतृत्व एवं प्रबंधन

    7- संस्थागत मूल्य एवं परंपराएं

    दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय, गया की स्थापना भारतीय संसद द्वारा पारित केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के तहत हुई थी I विश्वविद्यालय ने अपनी अकादमिक यात्रा की शुरुआत पहले पटना और बाद में गया में किराए पर लिए गए मकानों के साथ की थी I

    विश्वविद्यालय को अपना अत्याधुनिक स्थायी परिसर 2018 में गया जिले के पंचानपुर के निकट प्राप्त हुआ I शुरुआती चरण की कठिनाईयों का सामना करते हुए भी अकादमिक क्षेत्र में विश्वविद्यालय निरंतर उपलब्धियां प्राप्त करता रहा और राष्ट्रीय स्तर पर अपना पहचान बनाने में कामयाब रहा I आज विश्वविद्यालय अपने विश्वस्तरीय परिसर में 11 अकादमिक पीठों एवं 25 अकादमिक विभागों के साथ सुचारू रूप से कार्यरत है।

    जहां लगभग 180 शिक्षक देश के दूर दराज क्षेत्रों से एवं विदेशों से आये हुए लगभग 3000 छात्र -छात्राओं को विश्वस्तरीय शिक्षण- प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावे विभिन्न अनुशासनों में अत्याधुनिक अनुसंधान में संलग्न हैं I नैक ने विश्वविद्यालय को ‘ए’ की श्रेणी प्रदान कर उच्च शिक्षा के प्रति इसकी निष्ठा और समर्पण पर मुहर लगा दी है I

    इस विशिष्ट और ऐतिहासिक उपलब्धि पर कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस अप्रतिम सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रदान किया है I कुलपति ने इस महान उपलब्धि को विश्वविद्यालय परिवार के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल और सामूहिक संकल्प से विशिष्ट उपलब्धि का बेमिसाल उदहारण बताया है I

    उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार से आह्वाहन करते हुए कहा कि हमें और संकल्पित एवं उर्जान्वित होकर शिक्षा एवं अनुसन्धान के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में प्रभावी भूमिका का निर्वहन करते रहना है I कुलपति ने यह आशा व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय सामूहिक प्रयास से न केवल नालंदा और विक्रमशिला के प्राचीन गौरव को पुनर्स्थापित करने में कामयाब होगा बल्कि वैश्विक रैंकिंग में भी अपना स्थान बनाएगा।

    बहरहाल लगभग 300 एकड़ में विवि का इंफ्रास्ट्रचर और इकोफ्रेंडली कैंपस डेवलपमेंट के साथ स्टाफ क़्वार्टर, हॉस्टल, हेल्थ सेंटर, सेंट्रल लाइब्रेरी, फ़ूड कोर्ट (कैफेटेरिया), शॉपिंग सेंटर एवं शोध के लिए एनिमल हाउस संस्थान को महान बनाने का माध्यम और सीयूएसबी के स्थापना के बाद टिकारी एक शिक्षा हब के रूप में अपनी पहचान राज्य व राष्ट्र स्तर पर बनाने का गौरव हासिल कर लिया है।