जिले से सीआरपीएफ 153 बटालियन छत्तीसगढ़ के लिए गई हो रही रवाना
गया। करीब सात वर्षों से जिले में भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे सीआरपीएगया। करीब सात वर्षों से जिले में भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे सीआरपीएफ 153 बटालियन का यहां से छत्तीसगढ़ के लिए स्थानांतरण हो गया है। बटालियन के अधिकारी से लेकर जवान तक इस जिले से जा रहे हैं।
गया। करीब सात वर्षों से जिले में भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे सीआरपीएफ 153 बटालियन का यहां से छत्तीसगढ़ के लिए स्थानांतरण हो गया है। बटालियन के अधिकारी से लेकर जवान तक इस जिले से जा रहे हैं। इस बटालियन का कैंप इस जिले में देव, भलुआही, विश्रामपुर, मदनपुर, अंबा के एरका, गया जिला के आमस एवं सोनदाहा में तैनात थी। जसोइया स्थित औद्योगिक परिसर में कंपनी का मुख्यालय था। मोतिहारी से यहां मुख्यालय शिफ्ट किया गया था। सात वर्षों में कंपनी के अधिकारी व जवान नक्सलियों के खिलाफ खूब लड़ाई लड़ी। देव, मदनपुर एवं गया के आमस के दक्षिणी इलाके के जंगल में नक्सलियों को कई मार मात दी। जवानों ने कई बार नक्सलियों से मुठभेड़ की तो जंगल में नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आइइडी को कई बार बरामद कर नक्सलियों की योजना को विफल किया। बटालियन के द्वारा सामुदायिक के भी कई कार्य किए गए। सिलाई सेंटर का संचालन से लेकर नक्सल इलाके के युवक और युवतियों को सिलाई, मोबाइल रिपेयरिग समेत कई अन्य रोजगारन्मुखी प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाने का काम किया। इस कंपनी के यहां से स्थानांतरण के बाद केंद्र सरकार ने इस जिले को सीआरपीएफ 47 बटालियन को तैनात किया है। वर्तमान में यह बटालियन रोहतास में तैनात थी। बताया जाता है कि जितनी कंपनी यहां से जा रही है उतना कंपनी सीआरपीएफ की एवं एक कंपनी एसएसबी की यहां आ चुकी है। कैंपों में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। यहां पहुंची कंपनी के सुरक्षाबलों के अधिकारियों के अनुसार नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगा।
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