चीन ने तिब्बतियों को कालचक्र पूजा में आने से रोका, सजा-ए-मौत का एलान
बोधगया में आयोजित काल चक्र पूजा में दलाई लामा से मिलने वालों के लिए चीन ने मौत का फरमान जारी किया है। इस कारण पूजा में चीन अधिकृत तिब्बत के श्रद्धालु शामिल नहीं हो पाएंगे।
पटना [जेएनएन]। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा बोधगया के कालचक्र मैदान में होने वाली काल चक्र पूजा में शामिल होंगे। लेकिन, 2 से 14 जनवरी तक होने वाली इस पूजा में तिब्बत के लोग शामिल नहीं हो पाएंगे। चीन ने कालचक्र पूजा में दलाई लामा से मिलने वाले तिब्बतियों के लिए मौत का फरमान जारी किया है। दलाई लामा केा भी चीन से जान का खतरा है।
कालचक्र पूजा में शामिल होन पर लगाई रोक
चीन ने अपने नागरिकों को कालचक्र पूजा से दूर रहने काे कहा है। उसने चीन अधिकृत तिब्बत के निवासियों के कालचक्र पूजा में शामिल होने पर रोक लगा दी है। तिब्बत सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी और तिब्बत यूथ कांग्रेस के अनुसार चीन ने दलाई लामा से काल चक्र पूजा में मिलने वाले तिब्बतियों के लिए सपरिवार मौत का फरमान जारी किया है। चीन ने तिब्बतियों को वापस आने के लिए 30 दिसंबर तक का समय दिया है।
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धर्मशाला में निर्वासित जीवन जी रहे धर्मगुरु
चीन के अनुसार दलाई लामा लंबे समय से चीन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। वे धर्म के नाम पर तिब्बत को चीन से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं। चीन के तिब्बत पर कब्जे के बाद वहां से निर्वासित दलाई लामा भारत में वे धर्मशाला में रहते हैं।
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प्रस्तावित अरूणाचल यात्रा से चीन नाराज
ताजा घटनाक्रम की बात करें तो दलाई लामा ने मार्च 2017 में अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की घोषणा की है। इससे भी चीन नाराज है। विदित हो कि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है। इस वजह से वह वहां के यात्रियों को भी स्टेपल वीजा देता है, जिसका भारत विरोध करता है।