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    Chandrayaan- 3 की सफल लैंडिंग के बाद गया में ISRO साइंटिस्‍ट सुधांशु के घर जश्‍न, आटा चक्की चलाते हैं पि‍ता

    By Jagran NewsEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 07:31 PM (IST)

    Chandrayaan- 3 Successful Landing भारत का चंद्रयान-3 चांद पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है। इसरो द्वारा चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है। इसरो की इस ऐतिहासिक सफलता पर बिहार के गया शहर के रहने वाले सुधांशु कुमार घर जश्न मनाया गया। सुधांशु के परिवार समेत पूरे गांव ने तिरंगा लहराते हुए जमकर पटाखे फोड़े।

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    Chandrayaan Successful- 3 Landing Wishes: चंद्रयान की सफलता पर पटाखे फोड़ते ग्रामीण। (जागरण फोटो)

    जागरण ऑनलाइन डेस्क, गया: भारत का चंद्रयान-3 चांद पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है। इसरो द्वारा चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है। भारत पूरी दुनिया में चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से लेकर देश का हर एक नागरिक चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की एक-दूसरे को बधाई दे रहा है।

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    इसरो की इस ऐतिहासिक सफलता पर बिहार के गया शहर के रहने वाले सुधांशु कुमार घर जश्न मनाया गया। सुधांशु के परिवार समेत पूरे गांव ने तिरंगा लहराते हुए जमकर पटाखे फोड़े।

    सुधांशु हाल ही में इसरो में वैज्ञानिक नियुक्त हुए हैं। वे इसरो के श्री हरिकोटा सेंटर पर पोस्टेड हैं और ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। सुधांशु इसरो की लॉन्च व्हीकल टीम का हिस्सा हैं।

    बेटे की सफलता से गर्वान्वित पित

    टेलीविजन पर चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग को देख सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद गौरान्वित हो उठते हैं। सुधांशु के पिता कहते हैं कि मेरे बेटे ने मिशन चंद्रयान-3 का हिस्सा बनकर हमें गर्व से भर दिया है। मुझे गर्व है कि मेरा बेटा इसरो का वैज्ञानिक बन गया है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि  मेरा बेटा इसी तरह अपने देश का नाम रोशन करता रहे।

    ऐतिहासिक घटना के बने साक्षी

    चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर सुधांशु कुमार ने दैनिक जागरण से बात करते हुए लॉन्चिंग को अपने जीवन का सबसे यादगार पल बताया था।

     सुधांशु कहा था कि चंद्रयान 03 के लॉन्चिंग के दौरान इसका हिस्सा रहना मेरे जीवन के लिए एक यादगार पल रहेगा।

    सुधांशु चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर बेहद ही रोमांचित और आशान्वित थे। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ सुधांशु ऐतिहासिक घटना के एक सिपाही के रूप में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

    सरकारी स्कूल से की थी पढ़ाई

    गया शहर के इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खरखुरा मोहल्ला में ही एक निजी विद्यालय से ग्रहण की है।

    प्रारंभिक शिक्षा के बाद सरकारी विद्यालय प्लस टू आरआर अशोक उच्च विद्यालय से मैट्रिक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद सुधांशु ने बी-टेक की पढ़ाई हरियाणा से की है।

    बी-टेक के बाद सुधांशु का चयन इसरो के लिए हुआ, जो आज वैज्ञानिक बन अपने माता-पिता के साथ देश का नाम रोशन कर रहे हैं।