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    पान-मसाला, गुटखा खाने से मुंह खुलना धीरे-धीरे हो जाता है कम, सही वक्त पर इलाज एकमात्र उपाय

    By Prashant Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Wed, 06 Apr 2022 04:20 PM (IST)

    पान मसाला गुटखा और सुपारी खाने से मुंह खुलना धीरे-धीरे कम हो जाता है। जिसके कारण डेंटल ट्रीटमेंट करने में समस्या आती है। अगर सही समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो यह बाद में ओरल कैंसर (मुख कैंसर) का रूप ले सकता है।

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    मुंह के कैंसर से संबंधित दी गई जानकारी, जागरण आर्काइव

     जागरण संवाददाता, गया: पान मसाला, गुटखा और सुपारी खाने से मुंह खुलना धीरे-धीरे कम हो जाता है। जिसके कारण डेंटल ट्रीटमेंट करने में समस्या आती है। अगर सही समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो यह बाद में ओरल कैंसर (मुख कैंसर) का रूप ले सकता है। यह बातें गुजरात के वरीय चिकित्सक डा. भरत अग्रावत ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान कही। वह शहर के रामसागर तालाब स्थित एक होटल में आयोजित विश्व कैंसर जागरूकता माह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

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    बाद में बीमारी से होती हैं कई समस्याएं पैदा: 

    उन्होंने कहा कि ओरल सबम्यूकोस फाइब्रोसिस एक ऐसी बीमारी जिसे अधिकतर लोग नजर अंदाज कर देते हैं। यही बीमारी बाद में कई समस्याएं पैदा करती हैं। इसकी वजह से मुंह खोलने में परेशानी और देरी से होने वाले उपचार के कारण इसके मरीजों को अत्यधिक पीड़ा के साथ ही शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक मार भी सहनी पड़ती है। इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा. भरत अग्रावत, डा. नंदकिशोर गुप्ता, , डा.हर्षा अग्रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। 

    देर से इलाज शुरू होना बीमारी में उच्च मृत्यु दर का प्रमुख कारण

    कार्यक्रम में बीमारी से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया गया। मुख कैंसर दुनिया में सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। लेकिन सिर्फ भारत में ही एक तिहाई से अधिक मामले पाए जाते हैं। उन्होंने कहा, भारत में मुख कैंसर में उच्च मृत्यु दर के कई कारण हैं। जिनमें प्राथमिक कारण देर से उपचार शुरू होना है। आंकड़ों के मुताबिक, देश के अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में कैंसर बढ़ने और इससे होने वाली मौत दोनों राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं। सूबे में वर्ष 2016 से लेकर अब तक 4.93 फीसदी की दर से कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जबकि मौत 4.95 फीसदी की दर से बढ़ी है।

    उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित हो चुके हैं डा. भरत 

    डा. भरत अग्रावत के योगदान के लिए पद्मश्री मनोज जोशी ने मेडिकल जीनियस अवार्ड प्रदान किया। यह अवार्ड उन्हें उनकी विशिष्ट खोज के लिए दिया गया। उनके सर्वश्रेष्ठ कार्यों के लिए उन्हें 18 उत्कृष्ट पुरस्कारों के साथ सम्मानित किया गया है। गुजरात में उनके स्माइल इन आवर कास्मेटिक डेंटल इम्प्लांट क्लिनिक ने विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करने के लिए मानक स्थापित किए हैं। 

    इस कार्यक्रम में मंच का संचालन शिशु रोग विशेषज्ञ डा. नंदकिशोर गुप्ता ने किया। मौके पर मुकेश गुप्ता, अमित मिश्रा, एस के पांडेय, रूपेश कुमार, शिव बाबू विट्ठल, दीपक, रोशन, कपिल देव सहित अन्य उपस्थित थे।

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