बोधगया में करोड़ों की लागत से निर्मित मार्केट कॉम्प्लेक्स नहीं रास आ रहा व्यवसायियों को, वीरान पड़ा भवन
वर्ष 2002 में महाबोधि मंदिर को विश्वदाय धरोहर में शामिल किए जाने के पश्चात विकास के कई योजनाएं बनी। उसके बाद मास्टर प्लान तैयार किया गया। जिसमें कई क्षेत्र को प्रतिबंधित एरिया घोषित कर दिया गया। यह मार्ग पर बोधगया हॉट नोट दो के लिए स्थल का चयन किया गया।

जागरण संवाददाता, बोधगया (गया)। वर्ष 2002 में महाबोधि मंदिर को विश्वदाय धरोहर में शामिल किए जाने के पश्चात विकास के कई योजनाएं बनी। उसके बाद मास्टर प्लान तैयार किया गया। जिसमें कई क्षेत्र को प्रतिबंधित एरिया घोषित कर दिया गया। वैसे प्रतिबंधित क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर उनके रोक लगा दिया गया और मास्टर प्लान के अनुसार प्रतिबंधित जोन से बाहर गया बोधगया नदी तक यह मार्ग पर धहरिया बीघा के समीप बोधगया हॉट नोट दो के लिए स्थल का चयन किया गया।
यहां मार्केट कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर यह पड़ाव स्थल का निर्माण कराया गया। जिस पर लगभग एक करोड़ से अधिक का व्यय आया। मार्केट का निर्माण का केंद्रीय निर्माण एजेंसी की पीडब्ल्यूडी द्वारा गुणवत्ता पूर्वक तरीके से कराया गया था। मार्केट कंपलेक्स में कुल 71 दुकानें हैं। जिसकी बनावट मंदिर नुमा होने के कारण आगत पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। लेकिन शहर से दूर होने के कारण यह व्यवसायियों को रास नहीं आया और मार्केट कंपलेक्स निर्माण के लगभग दो दशक बाद भी व्यवसायी इस मार्केट की ओर ध्यान नही दिए। जिसके कारण आज यह वीरान है।
वैसे मार्केट के देखरेख के लिए पर्यटन विभाग द्वारा एक सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है। हालांकि सफाई कर्मियों की नियुक्ति या समुचित देखरेख के अभाव में यह मार्केट कॉन्प्लेक्स जंगलों के झाड़ में तब्दील हो गया है।मार्केट के अंदर बड़े-बड़े घास उग आए हैं, जिससे मार्केट कंपलेक्स के अंदर कोई जाना भी नहीं चाहता। बाहर में कुछ वाहनों का पड़ाव अवश्य दिखता है,क्योंकि कोरोना काल के कारण पर्यटक वाहनों का परिचालन अभी बंद है। जो मार्केट कंपलेक्स के ठीक आगे खड़े हैं।

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