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Bodhgaya: सफाई में सहयोग पर छात्रों की स्कूल फीस होगी माफ, पौधों को भी लिया है गोद, चार वर्षों से चल रहा क्रम

बच्चे स्कूल आने के दौरान सड़क और गलियों से गुजरने के दौरान सूखा कचरा जैसे प्लास्टिक के रैपर और अखबार का टुकड़ा प्लास्टिक का बोतल आदि चुनकर अपने साथ स्कूल लाते हैं। मुख्य प्रवेश द्वार पर रखे डस्टबिन कचरे को डाल हाथ धोने के पश्चात ही अंदर प्रवेश करते हैं।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Nov 2022 10:37 AM (IST)Updated: Sun, 06 Nov 2022 07:38 AM (IST)
Bodhgaya: सफाई में सहयोग पर छात्रों की स्कूल फीस होगी माफ, पौधों को भी लिया है गोद, चार वर्षों से चल रहा क्रम
स्कूल के कूड़ेदान में कचरा डालते बच्चे, एक-एक पौधे को भी ले रखा है गोद

 विनय कुमार मिश्र, बोधगया : बोधगया से पूर्व मुहाने नदी के तट पर बसाढ़ी पंचायत के सेवाबिगहा गांव में संचालित एक संस्था के स्कूल ने पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता को लेकर अनूठी पहल की है। इसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। पहले हर माह लगभग 40 किग्रा कचरा एकत्र होता था। अब मात्र 10 से 15 किग्रा कचरा जमा होता है। बच्चों को सूखा कचरा उठाते देख गांव के लोग कचरा यत्र-तत्र फेंकने से परहेज करने लगे हैं। यहां के बच्चों को आफर है कि वे सफाई अभियान में सहयोग करें और अपनी फीस माफ करवा लें। 

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अपने घर से स्कूल मार्ग तक सूखा कचरा उठाकर लाते बच्चे

सड़क से गुजरते वक्त कचरा उठाते आते हैं बच्चे

वर्ष 2014 से सेवाबिगहा गांव में संचालित पदम्पानी स्कूल में आसपास के पांच गांवों के लगभग 250 बच्चे पढ़ते हैं। सभी बच्चे अपने घर से स्कूल आने के क्रम में सड़क और गलियों से गुजरने के दौरान सूखा कचरा जैसे प्लास्टिक के रैपर और अखबार का टुकड़ा, प्लास्टिक का बोतल आदि को चुनकर अपने साथ स्कूल लेकर आते हैं। स्कूल के मुख्य प्रवेश द्वार पर रखे डस्टबिन में साथ लाए कचरे को डाल हाथ धोने के पश्चात अंदर प्रवेश करते हैं। स्कूल के संस्थापक मनोरंजन प्रसाद समदर्शी ने बताया कि वैसे तो यह संस्था का स्कूल है, यहां किसी से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। लेकिन कुछ कार्यों के लिए शुल्क लिया जाता था। जो कचरा संग्रह कर लाने वाले बच्चों से नहीं लिया जाता। 

कचरे की बिक्री से प्राप्त धन से करते पौधारोपण 

मनोरंजन बताते हैं कि बच्चे जिस सूखे कचरे को प्रतिदिन स्कूल लेकर आते हैं, उसे स्कूल परिसर के एक हिस्से में जमा किया जाता है। इसके बाद उसे री-साइकिल के लिए कबाड़ी को भेजा जाता है। इससे प्राप्त राशि को स्कूल परिसर से लेकर आसपास के क्षेत्र में पौधारोपण में खर्च की जाती है। यह प्रक्रिया पिछले चार सालों से चल रही है। यही कारण है कि स्कूल के आसपास भरपूर हरियाली है। 

स्कूल को घर-घर से कचरा उठाव को जोड़ा

स्कूल के इस काम को देखते हुए जिला प्रशासन ने बसाढ़ी पंचायत को राज्य सरकार के लोहिया स्वच्छता अभियान की योजना के तहत घर-घर से कचरा उठाव के लिए जोड़ लिया है। 

बच्चों ने पौधों को लिया है गोद

स्कूल के बच्चों एक-एक पौधे को गोद ले रखा है। उसे समय पर पानी देना और कोड़ाई करने की जिम्मेवारी बच्चे स्वयं उठाते हैं। स्कूल से घर लौटने के दौरान यह कार्य बच्चे करते हैं। 


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