Bihar Chunav 2020: डॉ. प्रेम कुमार ने की विष्णुपद मंदिर में पूजा, ज्ञान और मोक्ष की भूमि पर आठवीं बार मिली है जीत
गया शहरी विधानसभा सीट पर भाजपा नेता डॉ. प्रेम कुमार अजेय माने जाते हैं। लगातार आठवीं बार जीत दर्ज कर उन्होंने एक बार फिर यह साबित कर दिया है। वे 1990 से लगातार इस विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।
जेएनएन, गया। मोक्ष और ज्ञान की भूमि गया जी की धरती एक बार फिर कमल के फूल से खिल उठी है। गया शहरी विधानसभा से आठवीं बार भाजपा के उम्मीदवार डॉ प्रेम कुमार ने जीत का परचम लहराया है। डॉ. प्रेम कुमार 1990 से यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं । आठवीं बार भ्ाी वे कमल खिलाने में सफल रहे। वे शुरू से भाजपा के प्रत्याशी रहे हैं। एनडीए की जीत के बाद गया शहरी क्षेत्र में जश्न का माहौल है। हर तरफ समर्थक एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। मिठाइयां बांट रहे हैं और गुलाल लगा रहे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी से थी कड़ी टक्कर- आंकड़ा पर गौर करें तो इस बार डॉ कुमार की डगर अासान नहीं थी। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी अखौरी ओंकारनाथ श्रीवास्तव से कड़ी टक्कर मिली। आखिरकार डॉ. प्रेम ने सीट फतह करने में सफलता प्राप्त कर ली। रणनीति, जातीय समीकरण और राजनीतिक जोड़-तोड़ में महारत हासिल रखने वाले डॉ कुमार ने जीत दर्ज कर अपने कुशल राजनीतिक अनुभव का परिचय दिया है। कांटे के संघर्ष के बाद जब उन्हें जीत मिली।
समर्थकों ने की उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग- बिहार सरकार में नगर विकास पथ परिवहन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग कृषि मंत्रालय आदि विभागों की कमान पूर्व में संभाल चुके हैं। भाजपा में वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार को फिर मंत्रालय में जगह मिलेगी यह तय माना जा रहा है। समर्थकों का कहना है कि बिहार भाजपा के वे सबसे वरिष्ठ नेता हैं इसलिए पार्टी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए।
इधर अपनी जीत से खुश डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अब विकास कार्य को तेज करने की चुनौती और बढ़ गई है। बड़ी लकीर खींचनी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता की जीत है। अधूरे विकास कार्य की रफ्तार तेज करने की उन्हें चुनौती मिली है। पानी से लेकर जाम तक की समस्या का निदान करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करेंगे। क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा ताकि जनता को अच्छा शहर मिले।
विष्णुपद मंदिर में की पूजा-अर्चना- मंगलवार को जीत मिलने के बाद बुधवार को डॉ. प्रेम कुमार ने विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान श्री हरि विष्णु के चरण चिन्ह पर तुलसी अर्पण के साथ पंचामृत स्नान भी कराया। गयापाल पुरोहितों ने वैदिक मंत्रों के साथ उनकी पूजा संपन्न कराई। करीब एक घंटे तक उन्होंने श्री हरि विष्णु के चरण चिह्न की पूजा की। पूजन के बाद मंदिर से निकलने पर कार्यकर्ताओं ने गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया।