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    उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गया में किया पिंडदान, फिर पहुंचे नालंदा विवि; बोले- इस धरती ने दिया दुनिया को ज्ञान

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Fri, 29 Sep 2023 04:13 PM (IST)

    भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को बिहार दौरे पर पहुंचे। इस दौरान सबसे पहले वह अपनी पत्नी के साथ गया स्थित विष्णुपद मंदिर पहुंचे। वहीं अपने ...और पढ़ें

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    उपराष्ट्रपति धनखड़ ने गया में किया पिंडदान, फिर पहुंचे नालंदा विवि

    जागरण टीम, गया, बिहार शरीफ। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शुक्रवार को बिहार दौरे पर पहुंचे। उपराष्ट्रपति अपनी पत्नी सुदेश धनखड़ के साथ सबसे पहले गया स्थित विष्णुपद मंदिर पहुंचे।

    वहां उन्होंने अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए पिंडदान किए और पिंडदान के बाद उपराष्ट्रपति हेलीकॉप्टर से नालंदा पहुंचे।

    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करीब दो बजे नालंदा विश्वविद्यालय पहुंचे। नालंदा में सबसे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने परिसर में पौधारोपण किया। इसके बाद सुषमा स्वराज ऑडिटोरियम पहुंचे।

    आज यूनिवर्सिटी के लिए गौरव का क्षण- कुलपति

    कुलपति प्रो. अभय कुमार सिंह ने उपराष्ट्रपति व उनकी पत्नी का शॉल देकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में कुलपति ने कहा कि आज विवि के लिए गौरव का क्षण है।

    कुलपति ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय अपने पौराणिक समृद्धि इतिहास और गौरव को हासिल करने के लिए लगातार प्रयासरत है। पुराने आचार्य व शिष्य परंपरा को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।

    वहीं, उपराष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए कहा,

    जी-20 के 'वन अर्थ, वन फॅमिली, वन फ्यूचर' की अवधारणा नालंदा विश्विविद्यालय में देखने को मिली, जहां से वैश्विक संदेश दिया जाएगा। मैं कई विश्वविद्यालय गया हूं, लेकिन नालंदा विश्वविद्यालय अपने आप में अनोखा है। आप सौभाग्यशाली है कि उस धरती से हैं, जिसने विश्व को ज्ञान दिया।

    उन्होंने कहा कि ज्ञान से बड़ा हथियार कुछ नहीं हो सकता। मेरे लिए गौरव की बात है कि आज मुझे नालंदा आना था और मैंने कल ही महिला विधेयक पर कल हस्ताक्षर किया। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की।

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    उपराष्ट्रपति ने पीएम मोदी के कार्यों की तारीफ की

    उपराष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आगे बढ़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि 2047 में भारत फिर से विश्वगुरु होगा।

    छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जीवन में हार से डरना नहीं चाहिए। तब तक कोशिश करते रहें, जब तक सफल नहीं हो जाए। नहीं तो आप खुद के साथ-साथ समाज के साथ भी अन्याय करेंगे।

    उन्होंने कहा कि सही शिक्षा इंसानियत की रक्षा करती है, जिसके बारे में बाबा साहब भीम राव अंबेडकर कहते थे। हमेशा सीखने की प्रवृति रखें।

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    युवा पीढ़ी को खुद निर्णय लेने दीजिए- उपराष्ट्रपति

    उन्होंने मंत्री श्रवण कुमार के तीन दशक तक विधान सभा का प्रतिनिधित्व करने पर बधाई दिया। साथ ही सांसद कौशलेंद्र कुमार के बेटे को सरकारी नौकरी छोड़ने पर कहा कि जमाना बदल गया है, भारत बदल रहा है।

    उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवा पीढ़ी को खुद निर्णय लेने दीजिए और जीवन में एक बात याद रखिए, 'आप जितने बड़े पद पर जाइए, मर्यादित रहें'। इस मौके पर सांसद कौशलेंद्र कुमार व ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार शामिल थे।

    उपराष्ट्रपति ने यूनिवर्सिटी के 50 छात्रों को किया आमंत्रित 

    अपने नालंदा विश्वविद्यालय की यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने 50 छात्रों को संसद भवन व न्यू संसद भवन, भारत मंडपम व म्यूजियम को देखने के लिए आमंत्रित किया। वहीं, विश्वविद्यालय के साथ समझौता को लेकर उपराष्ट्रपति ने घोषणा की।

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