Bihar News: औरंगाबाद में खनन माफिया ने सोन नदी के बीचोबीच बना दी सड़क; धारा मुड़ी, पर्यावरण पर भी खतरा
Bihar News बिहार के औरंगाबाद में खनन माफिया ने सोन नदी से बालू की अवैध खोदाई के लिए नदी के बीचोबीच निकल आई जमीन पर सड़क बन दी है। अवैध खोदाई के कारण नदी की धारा मुड़ गई है। इससे पूरे इलाके के पर्यावरण पर भी खतरा मंडराने लगा है।

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। बिहार की सोन नदी का अस्तित्व खतरे में है। नदी के गर्भ में दर्जनों जेसीबी मशीन से हो रहे अवैध खनन से इसकी धारा बदलती जा रही है। सोन के गर्भ में हो रहे अवैध खनन से न केवल नदी की धार मुड़ रही है, बल्कि इससे पर्यावरण पर भी खतरा मंडराने लगा है। अवैध खनन के लिए नदी के बीच में निकल आई जमीन पर सड़क भी बना दी गई है।
एनजीटी के नियमों को ताख पर रख बालू की खोदाई
सोन नदी में एनजीटी के नियमों को ताख पर रख कर बालू की खोदाई की जा रही है। अवैध खनन से नदी दम तोड़ती जा रही है। नियम के विरुद्ध नदी के बीच निकल आई जमीन पर सड़क का निर्माण कराया गया है। इसी सड़क से बालू लदे सैकड़ों ट्रक प्रतिदिन नदी से बाहर निकलते हैं। सरकार ने 14 व इससे अधिक चक्का के ट्रकों से बालू की ढुलाई पर रोक लगा रखी है, पर इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। खनन कंपनी के भ्रष्ट सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से यह धंधा बेरोकटोक चल रहा है।
नदी किनारे लगाने थे पौधे, पहले से लगे पौधे भी काटे
सरकार ने नदियों के बचाव एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर खनन कंपनियों को पौधे लगाने का निर्देश जारी किया है, पर जितने पौधे लगाने चाहिए थे, वे सोन के किनारे नहीं लगाए गए हैं। नदी के किनारे पहले से जो पौधे लगे थे, वे भी काट दिए गए हैं।
मिट रहा नदी का वजूद, मिट्टी जैसा निकल रहा बालू
सोन नदी खनन माफिया के निशाने पर चढ़ चुकी है, जिससे पर्यावरण के साथ नदी का वजूद भी समाप्त होता जा रहा है। कभी इस नदी का सोने की तरह चमकने वाला बालू मिट्टी में बदलता जा रहा है। कहा जाता है कि सोने की तरह बालू चमकने के कारण ही इसका नाम सोन पड़ा है।
अवैध खनन से कई जगह पर तालाब बन गई नदी
सोन नदी का पानी मीठा होता है। इसे निर्मल और स्वास्थ्यवर्द्धक माना जाता है। नदी के किनारे बसे गांवों का भू-जल स्तर इसी नदी पर टिका होता है। कई धार्मिक ग्रंथों में सोन के महत्व को दर्शाया गया है। पर नदी के गर्भ में अंधाधुंध अवैध खनन से इसका वजूद मिटता जा रहा है। अवैध खनन के कारण से नदी ने कई जगह पर गहरे तालाब का रूप ले लिया है, जो खतरे से खाली नहीं है। अगर कोई इस गहराई में चला जाए तो जान बचना मुश्किल है।
विधायक ने माना, खतरे में है नदी का अस्तित्व
इस समस्या को लेकर हमने विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह से बात की। उन्होंने माना कि नदी का वजूद अवैध खनन से समाप्त होता जा रहा है। खनन कंपनी, अवैध खनन करने वाले धंधेबाजों एवं भष्ट अधिकारियों की मिलीभगत तथा खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं करने से सोन नदी का अस्तित्व खतरे में है। खनन के निर्धारित रकबा से अधिक में खनन किया जाता है।
अधिकारी का दावा, नियमित होती है कार्रवाई
इस बाबत जिला खनन पदाधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि सोन नदी में अवैध खनन के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जाती है। एनजीटी के नियमों के तहत खनन को लेकर हर समय जांच व छापामारी की जाती है। पूर्व में की गई छापामारी में कई जेसीबी मशीन, ट्रक, ट्रैक्टर को पकड़ा गया है। कई प्राथमिकी दर्ज की गई है। कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया है।
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