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    औरंगाबाद सदर अस्‍पताल के प्रसव कक्ष की नहीं सुधर नहीं स्थिति, ठंड में भ्‍ाी फर्श पर सोने को मजबूर हैं महिलाएं

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Thu, 31 Dec 2020 10:27 AM (IST)

    औरंगाबाद के सदर अस्‍पताल की स्थिति सुधरती नहीं दिख रही। खासकर प्रसव कक्ष में प्रसूताओं को बेड भी नहीं मिलता। उन्‍हें ठंडे फर्श पर रात गुजारनी पड़ रही है। यहां कुल 15 बेड हैं। हालांकि अच्‍छी खबर है कि जल्‍द 40 बेड का यह प्रसव कक्ष हो जाएगा।

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    सदर अस्‍पताल, औरंगाबादर का भवन। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। सदर अस्पताल की स्वास्थ व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है। खासकर प्रसव कक्ष की स्थिति तो पूरी तरह बदहाल है। न सुविधा और न सुरक्षा। यहां प्राय: हर दिन कोई न कोई घटना हो जा रही है। बुधवार को नवजात बच्चे की चोरी हो गई। इससे एक सप्ताह पहले बच्चा बदले जाने का मामला हुआ था। दूसरी ओर प्रसूताओं को इलाज, दवा व जांच के लिए तड़पना पड़ता है। अब तो उन्हें बेड के लिए भी तरसना पड़ रहा है। इस सर्दभरे दिन और रात में भी उन्‍हें फर्श पर चादर बिछाकर सोना पड़ रहा है। स्वजन रात भर जागते रहते हैं। यह सब देखते हुए भी अधिकारी मौन हैं। मरीज की बदहाली देखकर भी अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं खुल रही है। सरकार बेहतर स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने की बात कह रही है परंतु इससे यह स्पष्ट है कि सरकार की बातें धरातल पर नहीं उतर रही है। 

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    अधिकारियों के लिए रूम हीटर, मरीजों के लिए बेड तक नहीं
    स्वास्थ विभाग के अधिकारी कमरे से बाहर नहीं निकलते हैं। कड़ाके की इस ठंड में अधिकारियों के लिए रूम हीटर का व्यवस्था है परंतु मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं। प्रसव कक्ष में भर्ती मरीजों को एक साधारण सा कंबल दे दिया जाता है जिससे ठंड नहीं जा सकती है। इससे साफ स्पष्ट हो रहा है कि कंबल खरीदने में भी प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती गई है। मरीज अपने घर से ठंड से संबंधित कंबल एवं अन्य समान लेकर आते हैं। मरीज किस तरह अस्पताल में भर्ती हैं इससे अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं है।
     
    दुर्गंध परेशान रहते हैं मरीज व स्‍वजन
    प्रसव कक्ष की ठीक से सफाई नहीं होती। इस कारण यहां रहने पर नाक पर रुमाल रखना पड़ता है। इस संबंध में जब नर्सों से बात की गई तो उन्‍होंने कहा कि प्रसव कक्ष होने के कारण दुर्गंध आता ही है। वार्ड में दुर्गंध से मरीज परेशान रहते हैं। मरीज बस यही सोंचते हैं कि किसी तरह इलाज कराकर यहां से निकल जाना है। परंतु यह स्थिति एक-दो दिनों की नहीं बल्कि हमेशा की है। अधिकारी वार्ड में आते हैं, नाक पर रूमाल रख निरीक्षण कर निकल जाते हैं।
     
    15 बेड का है प्रसव कक्ष, औसतन 20 से 25 का होता प्रसव
    सदर अस्पताल परिसर स्थित प्रसव कक्ष में 15 बेड उपलब्ध हैं। यहां प्रतिदिन औसतन 20 से 25 महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। मरीजों को 24 घंटे रखना है परंतु बेड नहीं होने के कारण प्रसव के तुरंत बाद ले जाने की मजबूरी होती है। स्थिति यह होती है कि कई महिलाओं की तबियत घर जाने के बाद ज्यादा बिगड़ जाती है जिसे तत्काल परिजन अस्पताल पुन: लाते हैं।
     
    40 बेड का बन जाएगा प्रसव कक्ष : सीएस
    सीएस डाॅ. अकरम अली ने बताया कि सदर अस्पताल परिसर में 40 बेड के प्रसव कक्ष का निर्माण कराया जा रहा है। पूर्व से 15 बेड उपलब्ध है। इसी भवन के उपर एक नया भवन का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें 25 बेड उपलब्ध होंगे। तीन महीने में काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद इस तरह की समस्‍या दूर हो जाएगी।